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फतुहा में विश्व ग्लूकोमा सप्ताह दिवस का आयोजन

फतुहा। मां तारा उत्सव पैलेस गोविंदपुर में विश्व ग्लूकोमा सप्ताह का आयोजन किया गया गया। मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल ने कहा कि धोतरा का ग्लूकोमा होता है पहला ओपन एंगल ग्लूकोमा ‌आंखों की गंभीर बीमारी ग्लूकोमा (काला मोतिया) अब कम उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रही है। पहले 55/60 साल के ऊपर वाले लोगों को होती थी। लेकिन अब 25/ 30 साल के युवाओं को भी यह अपने गिरफ्त में ले रहा है। यह धीरे-धीरे बढ़ता है और मरीजों को पता नहीं चलता जब आंख के बढे प्रेशर से ऑप्टिक नर्व खराब हो जाती है तो उसे ओपन एंगल ग्लूकोमा करते हैं समय रहते पता चल जाए तो आंख की रोशनी बचाई आ सकती है। एंगल ग्लूकोमा यह कम खतरनाक होता है। इसका इलाज अस्पतालों में उपलब्ध है मरीज को अचानक अटैक पड़ता है और नजर कमजोर हो जाती है इसमें बहुत तेज दर्द होता है और मरीज सीधे डॉक्टर के पास पहुंचता है। मोबाइल, कंप्यूटर और टेलीविजन का शौक आंखों को बीमार बना रहा है। आंखों की बीमारी मायोपिया का खतरा भी भर गया है इसमें नजदीक की चीजें को देखने में परेशानी होती है मायोपिया के मरीजों को ग्लूकोमा का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। ग्लूकोमा से बचने के लिए साल में कम से कम एक बार आंखों के प्रेशर की जांच कराएं समय रहते ग्लूकोमा पर काबू पाया जा सकता है। ग्लूकोमा अनुवांशिक भी हो सकता है। ग्लूकोमा के इलाज में आंखों पर दबाव यानी इंट्राऑकुलर प्रेशर को कम किया जाता है। ए आई ड्रॉप्स दवाएं, लेजर ट्रीटमेंट व सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। लक्षण निम्न प्रकार है : अचानक दृष्टि का धुंधला हो जाना, रोशनी के चारों ओर रंगीन छल्ले दिखना, आंखों में तेज दर्द का बने रहना, जी मिचलाना उल्टी महसूस होना, आंखों का अक्सर लाल रहना।
होम्योपैथी में लक्षणों के आधार पर दवाई का चुनाव। होम्योपैथिक दवा (1)फास्फोरस 30/200 आंख में जलन, लाली रक्त संचय, लाल दिखाई देती है और अक्सर दृष्टि क्षेत्र में नीले या पदार्थ ,कभी-कभी उसी तरह के हरे और भूरे दिखाई देते हैं, जैसे की मोतियाबिंद हो जाने के पहले होते हैं ।आंख के सामने रंग काले दिखाई देते हैं ,दृष्टि शुन्य रहती है। पढ़ने के समय आंखें काम नहीं करती ।सवेरे और चंद्रमा की रोशनी में अच्छा दिखता है। विश्राम करने पर अच्छे रहते हैं।लगता है कि अंधा हो गया। एका एक ऐसा लगता है कि अंधा हो गया। पलकों का फूलना आंखों के चारों तरफ बहुत कालापन, आंखों के चारों तरफ बड़े-बड़े घेरे।(2) जेल्सीमियम 6//12/30 आंख की पलकों नीचे की ओर झुक जाना, पलकों का भारी होना, आंखें मुश्किल से खोल पाता है, द्वि दृष्टि यानी एक की जगह दो दिखाई देना, दृष्टि पटल का शोथ, दृष्टि पटल का नियोजन, अधिमंथ (ग्लूकोमा) आदि लक्षण मौजूद रहता है।(3) सल्फर 1एम पलकों के किनारों ज्वलनशील लैंप की रोशनी की ट्रेन देखने पर उसके चारों ओर प्रभामंडल दिखाई देना आंखों में जलन आंखों के सामने काले रंग के बिंदु दिखाई देना।(4) कॉलोसिन्थस 30 आंखें घुमा घुमा कर छेद करने की तरह दर्द होते हैं। दबाव देने से घटते हैं झुकने पर अनुभूति होती है जैसे आंखें बाहर निकल पड़ेगी।(5) आंखों की पुतलियां फैली हुई होना, आंखें सूजी हुई एवं बाहर की ओर निकली हुई महसूस होती है। आंखों में तीव्र दर्द। नेत्रगोलकों का नेत्र गुहा बाहर निकल जाना। चिंगारियां जैसी चीजें देखना। ग्लूकोमा के लिए ओसीयम , बोरेक्स, फाईटोसिगमा, स्पाइजेलिया पल्सेटिला आदि दवा प्रमुख है। कोई भी दवा चिकित्सक की सलाह से ही इस्तेमाल करें इस अवसर पर राणा राजेंद्र पासवान ,भाजपा नगर अध्यक्ष शोभा देवी ,अनिल कुमार शर्मा, रेखा शर्मा , अंकुश कुमार, आशीष कुमार,अमीषा कुमारी, सीमा कुमारी, पूजा कुमारी, जितेंद्र मिस्त्री, रूबी कुमारी, अरुण कुमार झा, बब्लू शाह मौजूद थे।

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