रामनवमी जुलूस पर हमले और हिंसा की न्यायिक जांच करायें नीतीश : सुशील कुमार मोदी
जब राज्य सरकार दंगे रोकने में विफल थी, तब राज्यपाल से रिपोर्ट लेना संवैधानिक
– लाल किला के आगे फोटो खिंचवाने से कोई पीएम नहीं बन जाता
– कुुढनी, गोपालगंज में जिनकी मोटरबोट डूबी, वे भाजपा के जहाज की बात न करे
पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि सत्तारूढ गठबंधन में हिम्मत है, तो वह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर अनर्गल आरोप लगाने के बजाय रामनवमी पर हुए हिंसक उपद्रव की न्यायिक जांच कराये। मोदी ने कहा कि जो पुलिस बिहारशरीफ और सासाराम में फेल हुई, क्या खुद उसी की जांच भरोसे लायक होगी? उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार चार शहरों में दंगे जैसी स्थिति टालने में विफल रही, तब गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग कर केंद्र के प्रतिनिधि राज्यपाल से हालात की रिपोर्ट मांगी। इस पर जदयू को मिर्ची क्यों लग रही है?श्री मोदी ने कहा कि कहा कि लाल किला के पोस्टर के आगे फोटो खिंचवाने से कोई प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। दिल बहलाने को वे व्हाइट हाउस के आगे भी फोटो खिंचवा लें।उन्होंने कहा कि जिन्हें भाजपा डूबता जहाज लगता है , वे बिहार में 2014 के संसदीय चुनाव और 2022 में हुए विधानसभा के तीन उपचुनावों के परिणाम दोबारा देख लें। कुढनी और गोपालगंज में जिनकी मोटरबोट डूब गई, वे जहाज की बात न करें।उन्होंने कहा कि बिधान परिषद की जिन छह सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उसमें केवल एक सीट भाजपा की है, जबकि पार्टी इस बार बढी ताकत के आधार पर कई सीटें जीतने वाली है। उन्हें जहाज की क्षमता का पता चल जाएगा।