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फतुहा में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन मोटापा से बचना है तो सूर्यास्त के पहले भोजन करें

फतुहा। फतुहा में मां तारा उत्सव पैलेस गोविन्द पुर फतुहा में भाजपा समर्थक मंच के द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसका अध्यक्षता अनिल कुमार शर्मा, मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल, शोभा देवी। मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल ने कहा कि देर रात भोजन करना कुछ के लिए मजबूरी तो बहुतों की आदत बन गई है। किंतु देर रात किया गया भोजन सेहत को बहुत हानि पहुंचाता है। आर्युवेद विज्ञान तो प्राचीन काल से ही यह बता रहा है कि देर रात किया गया से भोजन ,मोटापा ,प्रमेह ,मधुमेह, गठिया बीमारियां पैदा करता है। आधुनिक शोधों में भी उजागर हो चुके हैं की रात में किया गया भोजन से दर्जनों बीमारी पैदा करता है।
पिछले दिनों अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में इस विषय पर एक रिसर्च प्रस्तुत की गई कि ”देर रात में खाने से शरीर” पर क्या फायदा और क्या नुकसान होता है। लंबे समय तक शोध के बाद यह बात उभर कर सामने आई थी देर रात खाने से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इस रिसर्च में यह बताया गया कि गलत समय पर भोजन करने से दिमाग और शरीर की तालमेल गड़बड़ा जाता है और नई चीजें सीखने और उन्हें याद रखने में परेशानी आने लगती है। शोध में यह निष्कर्ष सामने आया जो लोग रात में अधिक मात्रा में भोजन करते हैं, उनको यदि मोटापा बढ़ने की समस्या हो जाए तो ऐसे लोगों को टाइप 2 डायबिटीज और हायपरएसिडिटी की खतरा बढ़ जाता है। एक शोध में यहां तक बताया गया है कि खाने के तुरंत बाद सोने से हार्ड की बीमारी कि आशंका बढ़ जाती है। सुर्य अस्त के पहले भोजन की आदत डाल देने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। रात्रि में भोजन करने से पाचन एंजाइम्स को नष्ट
कर देती है या कमजोर कर देती है जिससे खाया पिया भोजन कठिनाई से पचता है भूख की कमी होने लगती है और शरीर टूटने लगता है। रात का भोजन छोड़कर खाली पेट कदापि नहीं सोना चाहिए अन्यथा अपच, एसिडिटी, जी मिचलाना ,
कमजोरी, अनिद्रा जैसे कई रोग पैदा हो सकते हैं और शरीर की स्फूर्ति गायब हो सकती है। यदि सुबह का किया हुआ भोजन कदाचित न पचे तो भी शाम का भोजन हानी नहीं करता यानी शाम का भोजन करना ही चाहिए। यदि रात में किया हुआ भोजन सही ढंग से नहीं पचे तो
सुबह का भोजन त्याग देना चाहिए अन्यथा निश्चित रूप से आप रोगी बन जाएंगे। आचार्य भाग्भट जी ने केबल इतना नहीं कहा बलिक इसका वैज्ञानिक कारण ही प्रस्तुत किया कि रात्रि में मानव की सक्रियता नहीं रहती, पाचक की स्थिति भी शीथित रहती है इसलिए रात का किया भोजन अपचित रह गया तो वह भोजन खराब होकर रोग कारक हो जाता है जैसे फट्टी दूध में अच्छा दूध मिला देने से वह भी खराब हो जाता है। बताया जाता है कि पहले लोग मानते थे कि उच्च रात्रि भोजन करना जानबूझकर अपनी कब्र खोद रहा है। बताया जाता है कि आज ही गाय भैंस हाथी ,घोड़ा, रात्रि में भोजन नहीं करता है। इस अवसर पर सत्येंद्र पासवान, रंजीत साह, जितेंद्र मिस्त्री, अंकुश कुमार, आशीष कुमार अमीषा कुमारी सीमा कुमारी, पूजा कुमारी ,रेखा शर्मा , अनामिका पाण्डेय,सुधा पाण्डेय, अनामिका पटेल, शोभा पटेल ममता पटेल, रामयतन यादव, मुन्ना यादव, शीला पटेल आदि मौजूद थे

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