जीकेसी 24 सितम्बर को अयोजित करेगी “ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस पारिवारिक सम्मेलन”
पटना : जीकेसी ने रविवार को संध्या समय में नागेश्वर कॉलोनी के रॉयल गार्डेन अपार्टमेंट स्थित केन्द्रीय कार्यालय में बैठक आहूत कर निर्णय लिया कि 24 सितम्बर को पटना में “ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस पारिवारिक सम्मेलन” का अयोजित किया जायेगा। उक्त जानकारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने दी। उन्होंने बताया कि बैठक की अध्यक्षता ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने किया और कहा कि संगठन की गतिविधियों से अवगत कराने के लिए ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के सभी पारिवारिक सदस्यों की 24 सितम्बर को पटना में “ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस पारिवारिक सम्मेलन” अयोजित होगी। उन्होंने कहा कि संगठन को और धारदार बनाने के लिए एक फीडबैक सेंटर ऑन लाइन किया जायेगा। कायस्थ की मजबूती के लिए यूपीआई नम्बर भी जारी किया जायेगा। दीपक अभिषेक ने बताया कि ग्लोबल अध्यक्ष ने बैठक में सभी पदाधिकारीयों को निदेश दिया कि बिहार में चल रही दूसरे चरण की जातिगत जनगणना में सभी कायस्थों को गोलबंद रहकर क्रमांक 21 में ही अपनी जाति दर्ज करें और प्रपत्र में कहीं भी उपजाति (श्रीवास्तव, लाला, कर्ण…..) दर्ज न करें के लिए सभी जगह सक्रीय रुप से कायस्थ को मदद करें। उन्होंने बताया कि उक्त अवसर पर प्रबंध न्यासी रागनी रंजन ने कहा कि जीकेसी कुटीर उद्योग के लिए प्रचार प्रसार के साथ साथ स्थानीय बाजार में उत्पाद को पहुंचाने की दिशा में कारगार प्रस्ताव लाए और कुटीर उद्योग को अमली जामा पहनाने की दिशा में काम शुरु कर दें। उक्त अवसर पर बैठक में बिहार प्रदेश महासचिव संजय कुमार सिन्हा, बिहार प्रदेश सचिव रूपेश कुमार सिन्हा, बिहार प्रदेश अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ) नंदा कुमारी, राष्ट्रीय महासचिव शिवानी गौड़, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष (मीडिया) जितेन्द्र कुमार सिन्हा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (कला संस्कृति) अनिल कुमार दास, बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष रविशंकर प्रसाद सिन्हा, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष (विधि प्रकोष्ठ) डा० प्रियदर्शी हर्षवर्धन, बिहार प्रदेश अध्यक्ष (कला संस्कृति) दिवाकर वर्मा, बिहार प्रदेश अध्यक्ष (आईटी) ई० आशुतोष ब्रजेश, बिहार प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष निलेश रंजन, पटना जिला महासचिव धनंजय प्रसाद, राष्ट्रीय सचिव राजेश सिन्हा संजू, पियूष श्रीवास्तव, के० श्रीवास्तव एवम पटना जिला अध्यक्ष सुशील कुमार उपस्थित थे।