32 हजार रु के कर्ज लेकर पैदा हो रहे हैं देश के बच्चे : राजीव रंजन
पटना। मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि एक तरफ मोदी सरकार विकास पर बड़े-बड़े दावे करती है, दूसरी तरफ इन्होने देश को कर्जे के मकड़जाल में डुबो रखा है। इनकी गलत नीतियों और आर्थिक कुप्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था का कैसा कबाड़ा निकाल दिया है, यह इनके राज में देश पर बढ़े कर्ज से पता चलता है। उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी सरकार के आने पहले देश पर 409 अरब डॉलर का कर्ज था, लेकिन सरकार की कर्जा लेकर घी पीने की आदत के कारण महज 9 वर्षों में विदेशी कर्जा 620 अरब डॉलर के पास पहुंच गया है। यानी आज देश 210 लाख करोड़ के कर्ज के भार तले दबा हुआ है और भाजपा के नेता जश्न मना रहे हैं। इसका मतलब आज देश का हर नागरिक 32 हजार रु के कर्ज में डूबा हुआ है। इसका तात्पर्य है कि आज पैदा होने बच्चे तक के माथे पर भी इतना ही कर्ज होगा।