फतुहा में स्वास्थ्य शिविर, बरसाती रोगों में होम्योपैथी है कारगर दवा
फतुहा। भारतीय जनता पार्टी तारा उत्सव पैलेस गोविन्द पुर फतुहा में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसका अध्यक्षता भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता अनिल कुमार शर्मा तथा मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल, इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह ने कहा कि बरसाती मौसम कई बीमारियां साथ लेकर आती है। आइए आज हम जानते हैं की कौन-कौन सी बीमारियां हैं जो बरसात के मौसम में हो सकती हैं और हम उनसे कैसे बचें तथा उसकी होम्योपैथी दवा कौन-कौन सी है। बरसात में अक्सर हम बाहर जाते हैं बारिश में लोग भिंगते हैं, भिंगने के कारण सर्दी, खांसी आती है कफ की समस्या उत्पन्न हो जाती है। हल्की सी बुखार, कभी-कभी बदन में दर्द होने लगता है। यह सभी उम्र के व्यक्तियों को हो सकती है। हमें बरसात में भींगने से बचना है तथा बच्चों को भीगने से बचाएं। इस बीमारी से बचने के लिए होम्योपैथिक दवा 30 है। इसके साथ आप इयूपेटोरियम 30 दोनों दवा तीन-चार बार रोज ले सकते है।
दस्त, डिहाइड्रेशन, के, विषाक्त भोजन के कारण दस्त आर्सेनिक एल्बम 30 बहुत कारगर दवा है।
एक एक बूंद तीन बार रोज लेना है। वयस्कों के लिए कैम्फर 30
एक बूंद तीन बार रोज लेना चाहिए।
वायरल बुखार से बचने के लिए इन्फ्ल्यूजिनम 200 एक बूंद एक बार तीन दिन तक लें। यह प्रतिरोधक दवा है।
बरसात में होने वाला एक और बीमारी है जौंडिस यह बीमारी अक्सर बाहर खाना खाने से होती है, साथ ही साथ घर में जो खाना खाते हैं वह साफ सफाई होना चाहिए ,उबला हुआ पानी होना चाहिए अपने घर में साफ सफाई पर ध्यान दें ताकि घर में बैक्टीरिया, मक्खियां आदि ना आए क्योंकि इनसे के दस्त आदि फैल सकती है। अगर आपको इस जौंडिस हो गया है तो इस दवा को तीन चार बार रोज ले सकते हैं। नेट्रम फास 30 एक बूंद तीन बार रोज लेना है।
बरसात में होने वाले घातक ज्वर में रामवाण दवा है। गेल्सीमियम 30 एक बूंद तीन बार रोज लेना चाहिए। लक्षणों के आधार पर कई दवाएं हैं बेलाडोना, एकोनाइट, रस टक्स आदि। कोई भी दवा चिकित्सक के सलाह से ही इस्तेमाल करें। इस अवसर पुजा कुमारी रेखा शर्मा अंकुश कुमार आशीष कुमार अमीषा कुमारी सीमा कुमारी अनामिका पाण्डेय, शोभा पटेल आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे।