नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 24-25 अगस्त को आयोजित होगा “श्रीअन्न सम्मेलन”
पटना। आयुष्यमान और आरोग्य भारती के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय आयोग-भारतीय चिकित्सा प्रणाली, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयुषकॉन- 2023 “श्रीअन्न सम्मेलन” का आयोजन 24-25 अगस्त, 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किया जायेगा। इस वर्ष सम्मेलन का विषय “स्वास्थ्य के लिए श्री अन्न भोजन” रहेगा। उक्त जानकारी
विश्व हिन्दी परिषद के महासचिव डॉ विपिन कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ को आमंत्रित किया गया है।राज्य सभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा मिलेट्स उत्पादक देश है। इस सम्मेलन से मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभों और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होने के गुणों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा है कि भारत में मिलेट्स के कई प्रकार उगाए जाते हैं, जिनमें ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी और सावां शामिल हैं। मिलेट्स का उपयोग कई प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है। विश्व हिंदी परिषद के महासचिव डॉ विपिन कुमार ने कहा है कि सम्मेलन का उद्देश्य आयुष एवं मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभों और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होने के गुणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह सम्मेलन आयुष के साथ ही भारत के किसानों को मिलेट्स के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि मिलेट्स एक पौष्टिक और स्वस्थ अनाज है। विपिन ने कहा कि सम्मेलन में कई आयुष विशेषज्ञ, कृषि विशेषज्ञ और गणमान्य लोग को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन में विशेषज्ञों द्वारा मिलेट्स के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने हेतु सुझाव दिए जाएँगे। उन्होंने कहा कि विदित हो कि 15 मार्च, 2023 को संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव के बाद की गई है, जिसे 72 देशों ने समर्थन दिया था। मिलेट्स एक प्रकार का अनाज है, जो प्राचीन काल से भारत में उगाया जाता है। वे प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होते हैं। विपिन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है कि यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मिलेट्स एक स्वस्थ और पौष्टिक भोजन है और यह भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार मिलेट्स के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। मिलेट्स जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होते हैं क्योंकि वे सूखा और गर्मी के प्रतिरोधी होते हैं। उन्हें कम पानी की आवश्यकता होती है और वे कम उर्वरकों में पैदा होते हैं। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा मिलेट्स उत्पादक देश है। मिलेट्स का उपयोग कई प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है, जैसे कि रोटी, पूड़ी, पराठा, दलिया और हलवा आदि। मिलेट्स ग्लूटेन-फ्री होता हैं और इसलिए वे ग्लूटेन एलर्जी वाले लोगों के लिए उपयुक्त होता हैं। मिलेट्स मधुमेह रोगियों के लिए भी उपयुक्त होते हैं, क्योंकि वे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। कैंसर के जोखिम को भी कम करने में भी मदद करता हैं। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की घोषणा से मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभों और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होने के गुणों के बारे में जागरूकता बढ़ने की उम्मीद है। यह भारत के किसानों को मिलेट्स के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। उक्त कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल वंडारु दत्तात्रेय, भारत सरकार के मंत्रीगण, सांसदगण के साथ ही आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अशोक वार्ष्णेय ,राष्ट्रीय आयोग-भारतीय चिकित्सा प्रणाली, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष जयंत देव पुजारी शामिल होंगे। सम्मलेन में शामिल होने के लिए ऐम्स (AIIMS) एवं ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों और देश भर के वक्ताओं एवं प्रतिभागियों को आमंत्रित किया गया है।