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दाखिल- खारिज, जन्म,आय, आवासीय की समय सीमा तय कर देनी चाहिए

फतुहा। भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह ने सरकार को सुझाव दिया है कि दाखिल खारिज प्रमाण पत्र जन्म प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र , निवास प्रमाण पत्र आदि का समय सीमा तय करनी चाहिए। संबंधित अधिकारियों को इस अवधि में आवेदनों को नियुक्त आना ही होगा। अन्यथा विलंब होने पर माना जाएगा कि रिश्वत के लिए रोका गया है अतः स्वत: प्राथमिकी दर्ज हो जाएगी। लंबित मामलों की सूची लगातार लंबी होती जाती है तथा अंचल कार्यालयों का चक्कर लगाते लगाते लोगों को पसीना छूट जाता है। बताया जाता है कि पटना में 59000 नालंदा, 21000, हर अररिया 72000, सीतामढ़ी 63000 पश्चिम चंपारण 62000 मुजफ्फरपुर, गया, मधुबनी 52000, दरभंगा 49000 पूर्वी चंपारण 45000 समस्तीपुर 35000 भोजपुर पूर्णिया 33000 मधेपुरा रोहतास 32000 कटिहार 30000 सिवान 29000 सहरसा सुपौल वैशाली 27000 सहारन 26000 किशनगंज 25000 गोपालगंज 23000 भागलपुर 20000 नवादा 19000 जमुई 18000 बेगूसराय 16000 औरंगाबाद 15000 जहानाबाद खगरिया 11000 शिवहर 10000 अरवल बक्सर नगर बांका कैमूर 8000 मुंगेर लखीसराय 7000 शेखपुरा 6000। ऐसे -ऐसे कारनामे भरे पड़े हैं दाखिल खारिज पहले अस्वीकृत फिर पैसे लेकर करते से स्वीकृत, सीओ ने दो बार अस्वीकृत किया फिर दाखिल खारिज के लिए दी स्वीकृति। जांच के क्रम में एक रोचक मामला सामने आया है जिसमें दानापुर अंचल के रुकनपुरा निवासी प्रेमा देवी ने राजस्व ग्राम धनौत 20 खाता संख्या 359 खसरा संख्या 1849 में 3 दशमलव 12 डिसमिल जमीन के लिए 2 अप्रैल 2022 को आवेदन दिया आवेदक का सीओ के स्तर से 69/ 20 22- 23 वाद संख्या संचालित किया गया 3 जुलाई 2022 को सीओ ने दाखिल खारिज यह कहते हुए अस्वीकृत कर दिया कि ऑनलाइन आवेदन में खसरा और रखवा का जिक्र नहीं है। आवेदक ने दाखिल- खारिज के लिए पुण:आवेदन किया उसके बाद उसका दाखिल खारिज कर दिया गया। ऐसे अधिकारियों को सीधे जेल भेज देना चाहिए।

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