सट्टा-बट्टा के जाल में सैकड़ों परिवार कंगाल हो गए
फतुहा। इन दिनों सट्टा के नाम पर नये तरह के जुए का लत तेजी से फैल रहा है। इसके चकरी हूं मैं सैकड़ों छात्र और युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। बताया जाता है कि छात्रों के उज्जवल भविष्य का सपना दिखाकर फंसा लेता है और आश्वासन दे देता है कि चिंता मत करो तुम्हारे माता-पिता से वसूल लेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माता-पिता से वसूला जाता है। माता-पिता गिरोह के भय से विरोध नहीं कर पाते हैं और नहीं उठाने को जानकारी देते हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि यह धंधा लैपटॉप, मोबाइल, वॉइस रिकॉर्डर आदि से ही संचालित होता है। सट्टे का खेल डिब्बे की आवाज तथा भाषा पर निर्भर करता है इस खेल में अजीबो-गरीब कोड का प्रयोग किया जाता है। सट्टा लगाने वालों को लाइन कहा जाता है, सट्टा खेलने वाले को एजेंट कहा जाता है। क्रिकेट में सट्टेबाजी को 20 ओवर की लंबी पारी, 10 ओवर की सेशन तथा 6 ओवर को छोटी पारी कहा जाता है। सट्टा खेलने वाले यदि जीत जाते हैं तो उसे हारने तक खेलने के लिए बाध्य किया जाता है और घर जाने के बाद लड़का को घर में बंद कर माता-पिता को धमकाकर रुपया वसूला जाता है। हर की रकम ज्यादा होने पर सट्टा खेलने वाले जो कल में पूरी तरह डूब जाते हैं तो उनसे वसूली का खेल शुरू होता है इसमें गाड़ियों से लेकर दुकान ,जमीन तक के कागज गिरवी रख पाए जाते हैं। सट्टा बट्टा आईपीएल मैच पर खेले जाते हैं, बताया जाता है कि पटना में लगभग 50 लाख का सट्टा लगाया जाता है। सट्टेबाजों के ऐसे कई गैंग हैं जो राजधानी के अलग-अलग इलाकों में सट्टा लगाने का खेल- खेल रहे हैं। आईपीएल की सीजन में अब तक 50 करोड से ज्यादा का सट्टा लगाया जा चुका है। एक बार रूपसपुर थाना क्षेत्र में पटना पुलिस के हत्थे चढ़े 7 सट्टेबाजों ने ऐसे ही कई चौकाने वाले खुलासे किए थे। पूछताछ में यह साफ हो गया कि सट्टे की खेल में कई गिरोह सक्रिय है और बड़ी मछली है। सट्टेबाजों के बड़े खिलाड़ी युवाओं के साथ कारोबारी है। इस खेल में आठ की हार तय है, पकड़े गए लोगों की माने तो मुनाफे के गणित ऐसा होता है।कि सट्टा लगाने वाले में दस में आठ की हार तय होती है।