बिहारी माटी के गौरव थे वशिष्ट बाबू- सूर्य कान्त गुप्ता
पटना। आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत को चुनौती देने वाले महान गणितज्ञ बिहारवासी पद्मश्री डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह की 81वीं जयंती समारोह का आयोजन गुलजारबाग खेल परिसर अवस्थित राणा’ज फ्यूचर प्वाइंट कोचिंग संस्थान में किया गया। जयंती समारोह का उद्घाटन शिक्षक, विचारक एवं सामाजिक कार्यकर्ता सूर्य कान्त गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया। अध्यक्षता संस्थान के निदेशक स्वाधीन राणा उर्फ राणा सर ने किया। मुख्य अतिथि के रुप में शिव श्याम ने कार्यक्रम में भाग लिया। संचालन विक्रम बिहारी प्रसाद ने किया। इस अवसर पर वशिष्ट बाबू के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पण किया गया। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने वशिष्ठ बाबू के जीवनवृत्त व कृतित्व से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि वशिष्ट बाबू का जन्म 2 अप्रैल 1942 ई. को भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव में हुआ था। छोटे से गांव से निकलकर आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी। वे वास्तव में बिहारी माटी के गौरव थे। मुख्य अतिथि शिव श्याम ने वशिष्ट बाबू के गणित में योगदान का विशेष रूप से उल्लेख किया। राणा सर ने वशिष्ट बाबू के विद्यालय से लेकर नासा में मिली सफलता के बारे में बताया। जयंती समारोह को सफल बनाने में शशि कांत एवं छात्र-छात्राओं योगदान सराहनीय रहा।