वैश्य समाज की 56 उपजातियां को एक कोड में शामिल करने की मांग
पटना। अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ने बिहार सरकार पर बनिया समाज को अलग-थलग किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि नीतीश सरकार राज्य में जाति आधारित जनगणना करा रही है। वैश्य समाज की 56 उपजातियां है, जिसमें कई उप जातियों को अलग-अलग कोड आवंटित किया गया है। जिससे साफ झलकता है कि महागठबंधन सरकार वैश्य समाज की हितेषी नहीं है। राज्य सरकार ने वैश्य समाज को मुख्यधारा में ना लाकर अलग-अलग कोड आवंटित कर उनपर कुठाराघात करने का काम किया है, जो सरासर बेमानी है। उन्होंने कहा कि कई वैश्य नेता वैश्य समाज के उप जातियों में अलग-अलग कोड आवंटित करने की मांग कर रहे हैं, जो गलत है, अगर उन्हें मांग करनी है तो वैश्य जाति के लिए एक कोड की मांग करनी चाहिए। प्रो़. गुप्ता ने कहा कि राज सरकार ने जातीय गणना में विभिन्न जातियों के दिए एक से 215 कोड आवंटित किए हैं, जिसमें 122 नंबर कोड में बनिया के कुछ जातियों को एक कोड में लाने का काम किया है जबकि वैश्य की उपजातियां को अन्य कोड आवंटित किए गए हैं। बिहार सरकार ने जातीय गणना में वैश्य जाति का जो कोड निर्धारित किया है, उसमें वैश्य की कई उपजातियां हैं, लेकिन उन्हें अलग कोड निर्धारित किया गया है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया है कि बनिया (वैश्य) जाति के सभी उप जातियों को 122 कोड में ही लाया जाए, जिससे उनकी आबादी झलकेगी।