कृषि विज्ञान केन्द्रों की सहभागिता को बढ़ाया जायेगा : सचिव
सभी कृषि वैज्ञानिक एक गांव को गोद लेकर किसानों का करें मार्गदर्शन
पटना। कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बुधवार को राजधानी के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का पूर्वी अनुसंधान परिसर का भ्रमण किया। इस क्रम में इस संस्थान में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, समेकित कृषि प्रणाली, सिंचाई जल का समुचित उपयोग, सुखाड़रोधी धान के प्रभेदों के मूल्यांकन तथा नई प्रजाति विकसित करने के शोध पर किये जा रहे अनुसंधान कार्यों का निरीक्षण किया गया। साथ ही सचिव ने संस्थान परिसर में पौधरोपण किया। मौके पर सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब केन्द्रीय कृषि मंत्री थे, तब उनके ही प्रयास से पूर्वी क्षेत्र में कृषि के विकास के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का यह केन्द्र पटना में स्थापित किया गया। यह संस्थान बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उतर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा तथा असम के किसानों के लिए अनुसंधान एवं प्रसार का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि आज राज्य के काफी किसानों तक संस्थागत तरीके से हम पहुँच पाये हैं। हमें यह सोचना पड़ेगा कि हम शेष किसानों तक अपनी पहुंच कैसे बढ़ायें, इसके लिए हम सभी को प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या के अनुरूप अनुसंधान एवं प्रसार का कार्य किये जाने की आवश्यकता है। अनुसंधान में फसलों के उत्पादन और उत्पादकता अच्छी रहती है, परन्तु वास्तविक रूप में किसानों के खेतों में हम उतनी उत्पादकता नहीं प्राप्त कर पाते हैं। इसके कारणों का पता करके निराकरण करना होगा। इसके लिए यह आवश्यक है कि विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र तथा किसानों के बीच लगातार संवाद हो। उन्होंने निदेशक, बामेती को निदेश दिया कि बेहतर समन्वय के लिए जल्द ही, सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा विभाग के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित हो। सचिव ले बताया कि प्रत्येक कृषि वैज्ञानिक एक गांव गोद लें, विभाग इसके लिए हरसंभव सहायता करेगी। इस संस्थान के युवा वैज्ञानिकों को किसानों के साथ निरन्तर संवाद करना चाहिए, सप्ताह में कम-से-कम दो दिन वैज्ञानिक गाँवों में जाकर किसानों की समस्याओं को समझे एवं उनका समाधान करें। अनुसंधान एवं किसानों की सफलता की कहानी को विभिन्न प्रचार-प्रसार के माध्यमों से दूसरे किसानों तक पहुंचायें। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ अनूप दास ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संस्थान के द्वारा किये जा रहे कार्यों का विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने सचिव, कृषि से मशरूम उत्पादन के लिए स्पॉन प्रोडक्शन लैब स्थापित करने हेतु अनुरोध किया, जिस पर सचिव, कृषि द्वारा सहमति प्रदान की गई। इस अवसर पर अटारी के निदेशक डॉ अंजनी कुमार, निदेशक, बामेती आभांशु सी जैन सहित इस संस्थान के पदाधिकारी एवं वैज्ञानिक उपस्थित थे।