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नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता थी सबित्रीबाई फुले – श्रवण अग्रवाल

पटना। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने मंगलवार को अपने आवासीय कार्यालय पर नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की जयंती अपने समर्थकों के साथ मनाई। इस मौके पर श्रवण अग्रवाल ने सावित्रीबाई फुले की तैल्य चित्र पर माल्यार्पण एवं श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इसके उपरांत उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि देश में पहले बालिका विद्यालय की नींव रखने वाली भारतीय महिलाओं में शिक्षा का अलख तथा महिलाओं के सशक्तिकरण में उनके द्वारा जो अग्रणी भूमिका निभाई गई तथा 19वीं सदी में व्याप्त कुरीतियों के विरुद्ध उनका योगदान हमेशा यादगार रहेगा। आगे श्रवण अग्रवाल ने कहा कि सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका थी जिन्हें समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को मिटाने तथा महिलाओं को शिक्षित करने तथा महिलाओं को समाज में सम्मान दिलाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने काफी तकलीफ भी उठाया स्त्री शिक्षा और उनके अधिकारों को लेकर पूरे देश भर में सराहनीय काम किया। उनके ही प्रयासों से देश में स्त्री शिक्षा और महिलाओं के अधिकारों को लेकर समाज में काफी जागृति आई। समाज में महिलाओं को पुरुषों के बराबरी में खड़ा करने में उनका बहुत बड़ा योगदान था जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। दलित समाज और दलित महिलाओं के लिए भी और दलितों के उत्थान के लिए जो उन्होंने अनुकरणीय कार्य किए। उनके द्वारा किए गए समाज सुधार के सभी काम हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। आज देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सावित्रीबाई फुले के सपनों को साकार करने की दिशा में तथा महिलाओं के सशक्तिकरण और महिला सम्मान और महिलाओं को समाज के सभी क्षेत्रों में समान भागीदारी देने के लिए अनेकों महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय काम किए जा रहे हैं।

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