एक ऐसे आईपीएस अधिकारी जो पूरे बिहार में बड़े बदलाव की लिख रही है गाथा
पटना : आज हम चर्चा करने जा रहे हैं बिहार के ऐसे आईपीएस अधिकारी की जो बिहार के जन-जन में लोकप्रियता के पैमाने पर सबसे आगे नाम है विकास वैभव। अपने दौर में आपने हमने ईमानदार पुलिस अधिकारी सिर्फ फिल्मों में देखा जिस किसी फिल्म में सिंघम टाइप का कोई पुलिस वाला करप्ट सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाया लोगों की तालियां भी मिली और फिल्म भी हिट हुई पर रियल लाइफ में अगर कोई सिंघम बना कोई आम आदमी का हीरो बना तो वह चर्चित आईपीएस अधिकारी विकास ही रहे। रोहतासगढ़ किले को नक्सलियों से मुक्त कराने से लेकर चंपारण के दस्यु गिरोहों को हथियार डालने पर विवश करने वाले इस आईपीएस अधिकारी ने पहले तो इंजीनियरिंग सेवा को छोड़कर पुलिस सेवा को चुना बिहार कैडर मिलने के बाद इन्होंने एक पर बदलाव की शुरुआत अपने शुरुआती सेवाकाल में ही कर दी जहां कहीं भी गए जनता के नायक बन गए लोगों ने एक आईपीएस की ताकत को समझा जाना की एक ईमानदार अधिकारी पूरी व्यवस्था को तो नहीं बदल सकता पर लोगों को जगा सकता है उनके अधिकारों के प्रति। पुलिस और पब्लिक के बीच की खाई को खत्म कर सकता है निरंतर संवादों के माध्यम से लोगों का विश्वास जीतकर उन्हें अपराध के रास्ते से विमुख कर सकारात्मक रास्ते पर ला सकता है। यात्री मन के बहाने बिहार के चप्पे-चप्पे के ऐतिहासिक तथ्यों को आम जनमानस से रूबरू करा सकता है अपने इतिहास अपने युग पुरुषों अपने प्रदेश के गौरव गाथाओं को जनता के सामने रखकर उनके आत्मसम्मान को लौटा सकता है। जो रियल लाइफ में कभी गंगाजल का अमित कुमार बन जाता है तो कभी राउडी राठौर। जो कभी शिक्षक बन कर इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाता है तो कभी युवा संवाद के माध्यम से पूरे बिहार में प्रेरणा का आगाज करता है। जिसके चाल चरित्र और आचरण में सादगी और शालीनता समाज के लिए भी अनुकरणीय बनता है चंद्रगुप्त चाणक्य आर्यभट्ट दिनकर जैसे बिहार के रत्नों की झलक जिस के व्यक्तित्व और कृतित्व में नजर आता है। जो पूरे बिहार में आइए प्रेरित करें बिहार अभियान की शुरुआत करके शिक्षा समता और उद्यमिता के क्षेत्र में देखते-देखते बड़ा जन आंदोलन खड़ा कर देता है वह व्यक्तित्व है आईपीएस विकास वैभव का। जो वर्तमान समय में बिहार में किसी भी नेता और अभिनेता से ज्यादा लोकप्रिय हैं। समाज के हर तबके हर वर्ग और हर आयु वर्ग का व्यक्ति जिसे अपना आदर्श मानता है।