बिहार सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अत्यंत पिछड़े वर्ग के परिवारों को आवास उपलब्ध कराने हेतु संकल्पित : श्रवण कुमार
बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य की सरकार सुबे के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अत्यन्त पिछड़े वर्ग के परिवारों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु दृढ़ संकल्पित है । सरकार ऐसे कई योजनाओं पर कार्य कर रही है एवं ऐसा लक्ष्य रखा गया है कि कोई भी व्यक्ति आवास विहीन न रहे । मंत्री ने आगे बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले परिवारों की आवास की समस्या के समाधान के उद्देश्य से 1 जनवरी, 1996 से स्वतंत्र रूप से केन्द्र प्रायोजित इन्दिरा आवास योजना लागू थी, जिसके अंतर्गत पात्र परिवारों को आवास निर्माण के लिए 35 हजार रूपये की सहायता राशि उपलब्ध करायी जाती थी । सहायता राशि की यह व्यवस्था 01.04.2010 के पूर्व तक थी । कई मामलों में यह राशि अपर्याप्त साबित हो रही थी । इस वजह से कतिपय आवास अधूरे एवं अपूर्ण रह गये थे । ऐसी समस्या विशेष कर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अत्यन्त पिछड़े वर्ग के लाभुकों के मामले में ज्यादा थी ।
इन्दिरा आवास योजना को पुनर्गठित कर वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) संचालित है । लेकिन इन लाभुकों को पूर्व की योजना इन्दिरा आवास योजना के अंतर्गत सहायता राशि प्राप्त होने के कारण नई योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से पुनः वित्तीय सहायता नहीं दी जा सकती है । ऐसी स्थिति में इन्दिरा आवास योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अत्यन्त पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों के अधूरे एवं अपूर्ण आवास को जो वर्तमान में निर्माणाधीन स्थिति में है, उन्हें पूर्ण कराने हेतु राज्य प्रायोजित मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना प्रारंभ की गयी है । इस योजना अंतर्गत चयनित परिवारों को 50 हजार रूपये की सहायता राशि दो किश्तो् में दी जाएगी । यह 40 हजार रूपये प्रथम किश्तन एवं 10 हजार रूपये द्वितीय किश्तत के रूप में होगी । इस योजना अंतर्गत लाभार्थियों की पहचान, पात्रता, अपात्रता एवं चयन के लिए मापदण्ड निर्धारित किये गये है । विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्डों के संबंध में राज्य के सभी जिला पदाधिकारियों एवं उप विकास आयुक्त को सूचना प्रेषित कर दी गयी है । अपात्रता हेतु कुल 19 विन्दुओं को ध्यान में रखने का निर्देश है । ये विन्दु निम्न प्रकार है – 1. लाभार्थी को कोई दूसरा पक्का मकान न हो, 2. मोटरयुक्त वाहन या मछली पकड़ने की नाव हो, 3. 50 हजार रूपया या इससे अधिक ऋण का किसान क्रेडिट कार्ड हो, 4. वे परिवार जिनका कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो, 5. वे परिवार जिसका कोई सदस्य 10 हजार रूपये से अधिक प्रतिमाह कमा रहा हो, 6. आयकर देने वाले परिवार, 7. व्यवसाय करने वाले परिवार, 9. वे परिवार जिनके पास लैंड लाईन फोन हो, 10. इंदिरा आवास योजना के अतिरिक्त किसी अन्य योजना के तहत आवास का लाभ प्राप्त परिवार इत्यादि ।
मंत्री श्री श्रवण कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार जिला पदाधिकारी द्वारा योग्य लाभुकों का सर्वेक्षण कराया जाएगा । सर्वेक्षण के उपरान्त अभिलेख की जाँच हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में एक जाँच दल का गठन होगा जो योग्य लाभार्थियों को सत्यापित कर सूची तैयार करेंगे । तदोपरांत प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा इसका सत्यापन होगा । प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा सत्यापित सूची का अनुमोदन ग्राम सभा द्वारा किया जाएगा । अनुमोदित सूची उप विकास आयुक्त को प्रेषित की जायेगी जिनका अनुमोदन अंतिम रूप से होगा ।
लाभुकों द्वारा इस योजना के तहत प्रथम किश्त की सहायता राशि प्राप्त होने पर 2 माह के अंदर निर्धारित स्तर तक अपना आवास पूर्ण करा लेना पड़ेगा । इस प्रकार राज्य सरकार अपने संसाधन से अपूर्ण एवं अधूरे आवासों को पूर्ण करा सकेगी ।
मंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों को निदेश दिया है कि वे शीघ्र ही इस योजना को अमलीजामा पहनाने की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दें ताकि इस योजना हेतु आवंटित एवं उपलब्ध राशि का सदुपयोग किया जा सके ।