डीएम की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर बैठक आयोजित
स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में 10 फरवरी से खिलाई जाएगी सर्वजन दवा
2030 तक फाइलेरिया उन्मूलन का रखा गया है लक्ष्य
मोतिहारी। आपको बता दें की मोतिहारी समाहरणालय स्थित राधाकृष्णन भवन में सोमवार को प्रभारी जिलाधिकारी सह जिला उप विकास आयुक्त समीर सौरभ की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन एमडीए प्रोग्राम 2023 एवं एईएस/ जेई नियंत्राणार्थ जिला समन्वय समिति की बैठक हुई। वहीं बैठक का संचालन जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने किया, वहीँ वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा व केयर इंडिया के डीपीओ मुकेश कुमार ने संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान पीपीटी के माध्यम से उपस्थित स्वास्थ्य व अन्य विभागों के अधिकारियों को आवश्यक जानकारी दी गई। इस मौके पर प्रभारी जिलाधिकारी समीर सौरभ ने कहा कि 2030 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। फाइलेरिया (हाथी पाँव) रोग से बचाव को निर्धारित आयु वर्ग के लोगों को जागरूक करते हुए सर्वजन दवा 10 फरवरी 2023 से 24 फरवरी 2023 तक 2 वर्ष से ऊपर सभी स्वस्थ एवं योग्य व्यक्ति को डीइसी / एल्बेंडाजोल की दवा आशा, आशा फैसिलिटेटर एवं वॉलिंटियर्स के द्वारा खिलाया जाएगा । एईएस/जेई नियंत्राणार्थ तैयारी हेतु संबंधित पदाधिकारी को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि ससमय एम ओ/ हेल्थ ऑफिशियल आदि का ट्रेनिंग कराना सुनिश्चित करें। वहीं एसओपी के अनुसार सभी प्रकार का दवा एवं उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। एईएस/जेई से बचाव हेतु आईईसी एक्टिविटी/ प्रचार प्रसार व्यापक पैमाने पर कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, पंचायती राज, जीविका, सामाजिक संगठनों व अन्य सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को अभियान में सहयोग करने की अपील की। वहीं वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि बैनर, पोस्टर व प्रचार प्रसार के साथ सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम जिले के 23 प्रखंडों में चलेगा। शेष प्रखंडों में पुनः नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम के बाद सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलेगा। उन्होंने बताया कि दवा सेवन कार्यक्रम में 2632 टीम बनाई गई है, 5264 आशा दवा खिलाने में सहयोग करेंगी। एल्बेंडाजोल की 65 लाख 8 हजार 252 गोली, डीईसी की 1 करोड़ 62 लाख 52 हजार 840 दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं डॉ शर्मा ने बताया कि जिले में 6 हजार 420 फाइलेरिया के मरीज हैं। साल 2022 के डाटा के अनुसार जिले में हाथी पाँव के 5 हजार 235 एवं हाइड्रोसिल के 1 हजार 187 मरीज हैं। उन्होंने बताया कि हाइड्रोसिल फाइलेरिया के मरीजों की जाँच व ऑपरेशन की व्यवस्था की जाएगी वहीँ हाथी पाँव के मरीजों के लिए एमएमडीपी किट के साथ उन्हें साफ सफाई के तौर तरीके बताए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिले में नाइट ब्लड सर्वे के दौरान जिले के 16 हजार 800 लोगों का ब्लड सेम्पल लिया गया, जिसमें 237 लोग संक्रमित पाए गए। वहीं सीएस डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खानी है। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती हैं। दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा हेतु जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन भी किया जा रहा है। वहीं इस अवसर पर सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, यूनिसेफ, डीपीओ केयर उपस्थित थे।