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पटना में हो रही है ठंडे पानी में पकने वाली है धान की खेती

फतुहा। क्या आपने कभी ऐसे चावल के बारे में सुना है जो ठंडे पानी में पक जाता है। पटना से सटे फुलवारीशरीफ प्रखंड स्थित सिमरा गांव के किसान उज्जवल कुमार चावल की खेती कर रहे हैं। उज्जवल के अनुसार उन्हें किसानों के लिए काम करने वाली संस्था आवाज एक पहल के माध्यम से इस चावल के बारे में जानकारी हुई।
उज्जवल जी ने संस्था के कार्यालय में जाकर इसकी खेती की विस्तृत जानकारी ली और प्रायोगिक तौर पर 5 कठे में इसकी खेती की शुरुआत की। इयसका चावल खाने में स्वादिष्ट और अत्यधिक पोस्टिक भी है।
उन्हें पूर्ण विश्वास है कि सीमित उत्पादन के कारण अच्छा कीमत भी मिलेगा और ये खेती उनके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। आवाज एक पहल के लव कुश ने बताया कि मूल रूप से असम में चावल पाया जाता है जिसे आप बिना पानी में उबालें खा सकते हैं इस चावल का नाम है कमल (चावल)। इस चावल को उत्पादन में बढ़ोतरी करने‌‌ की आवश्यकता है क्योंकि इस चावल में ईंधन की बचत होगी। इस चावल के बारे में बताया जाता है कि पहले सैनिक खाते थे क्योंकि युद्ध के दौरान खाना पकाने में परेशानी होती थी इसलिए ठंड पानी में इसे पकाते थे। बंगाल सरकार ने इसकी उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए घोषणा की है। भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल ने बिहार सरकार से आग्रह किया है कि इस चावल को बिहार में उत्पादन बढ़ाने का है प्रयास करें।

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