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स्कूलों में दिए जा रहे चावल में मानक से अधिक साइट्रिक एसिड

स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी

फतुहा। (मुजफ्फरपुर) राज्य भर के स्कूली बच्चों के लिए आपूर्ति होने वाले फोर्टीफाइड यानी पोषण युक्त चावल में हानिकारक तत्व पाए गए हैं। ‌ केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त टीम की जांच में पोषण युक्त चावल में साइट्रिक एसिड की मात्रा मानक से काफी अधिक पाई गई । साइट्रिक एसिड का उपयोग चावल को चमकदार बनाने में किया जाता है इसकी मानक से अधिक मात्रा में कई तरह की बीमारियां होने का खतरा है ।पोषण युक्त चावल स्कूलों के अलावा अब प्रत्येक राशन कार्ड धारी परिवार को भी दिया जा रहा है।केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय के उपायुक्त विश्वजीत हरिद्वार ने बिहार में पोषण युक्त चावल में साइट्रिक एसिड की मानक से अधिक मात्रा पाए जाने की सूचना देते हुए इस पर गहरी चिंता जताई है, उन्होंने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि बच्चों के मिड डे मील और राशन के लिए आपूर्ति की जा रहे पोषण जीत चावल की जांच और निगरानी आवश्यक है। अपने पत्र में कहा है कि राज्य सरकारें मानक से अधिक मात्रा में उपयोग किए गए साइट्रिक एसिड वाले चावल की आपूर्ति पर तत्काल रोक लगाएं।
केंद्र मंत्रालय के इस निर्देश के बाद बिहार सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि एफ सी आई को चावल आपूर्ति करने वाले सभी राइस मिलरों को नोटिस जारी कर उन्हें एएसआई द्वारा निर्धारित मात्रा में ही साइट्रिक एसिड का उपयोग करने का निर्देश दिया है साथ ही सचिव ने कहा कि राइस मिल के अलावा एफ सी आई प्वाइंट पर भी पोषणयुक्त चावल की गुणवत्ता की जांच की व्यवस्था की जाए।
हर महीना 40 लाख क्विंटल चावल खपत। स्कूली बच्चों को पोषण युक्त चावल दिया जाना 2015-16 के सत्र से शुरू हुआ। बिहार में इसकी करीब 40 लाख क्विंटल प्रति माह खपत है। मुजफ्फरपुर में 1- 73 लाख क्विंटल चावल की खपत होती है। यह चावल स्कूल, आंगनबाड़ी,
केंद्रों और दिसंबर माह से राशन कार्ड धारियों को भी दिया जा रहा है।
साइट्रिक एसिड नींबू के रस से तैयार होता है ।यह संतरे में भी पाया जाता है ।एक सीमा तक इसका उपयोग हानिकारक नहीं है। लेकिन मानक से अधिक उपयोग पर इसके कई दुष्परिणाम सामने आते हैं। राइस मिलर इसका उपयोग चावल की चमक बढ़ाने के लिए करते हैं। मानक से अधिक मात्रा में चावल प्रयोग से खाने वालों ने मतिभ्रम, चेस्ट पेन, हृदय गति, बढ़ना और मोटापा जैसी समस्या आती है।
यह काफी चिंता की विषय है। अब समान राशन कार्ड *धारी लाभार्थियों को भी पोषण युक्त। चावल का ही वितरण करना है। ऐसे में इस बीमारी तेजी से बढ़ोतरी की आशंका है। भाजपा मीडिया प्रभारी डॉक्टर लक्ष्मी नारायण पटेल में सरकार से अनुरोध किया है किस चावल को तुरंत बंद किया जाए। चावल में चमक के नाम पर बीमारी नहीं परोसा जाए।

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