नीतीश कुमार का अहंकार, बिहार में राजनीतिक हलचल तेज
फतुहा। पिछले कुछ महीनों में शायद ही ऐसा कोई सप्ताह होगा जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में पराजित करने संबंधी वक्तव्य दिया हो। लोगों की प्रतिक्रिया बताती है कि नीतीश की प्राथमिकता में शासन प्रशासन से ज्यादा भाजपा विरोधी राजनीति है? ऐसा है तो इसके परिणाम क्या आ रहे हैं ?बिहार काफी समय से कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर कमजोर होते जाने के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था के पतन विकास के कार्यों में मंद गति आदि से बुरी तरह ग्रस्त है। किसी सरकार के मुख्य फोकस होना चाहिए कि कैसे बिहार में कानून व्यवस्था पटरी पर आए, अर्थव्यवस्था, शिक्षा तंत्र अपनी प्रभावी भूमिका में लौटे ,प्रदेश का कोई भी समाचार उठा लीजिए और देख लीजिए सरेआम गोली चलने, मारपीट, हत्या की खबरें से भरे परे मिलेंगे। नीतीश को यदि मोदी से मुकाबला करना है तो उनकी जो अच्छाइयां है उन्हें अपनाने की कोशिश करें। आखिर मोदी राष्ट्रीय क्षितिज पर आए तो उन्होंने लोगों के सामने गुजरात के अपने कार्यों को रखा जिसे मीडिया ने गुजरात मॉडल का नाम दिया। लोग यह तो सोचेंगे कि मोदी के मुकाबले नीतीश अगर विपक्षी दलों का गठबंधन कर सरकार का स्थापना करना चाहते हैं ,तो विकास, कानून और व्यवस्था आदि के मुद्दे पर उनके तरकश में क्या-क्या है। अगर आप के पास लोगों को दिखाने और विश्वास दिलाने के लिए इन मामलों में सफलताएं हैं तभी आप की राजनीति को ताकत मिल सकती है।केवल मोदी हटाओ और विपक्षी दलों को एक करो का नारा पहले भी असफल रहा है। कारण इनके पास मोदी और भाजपा के समानांतर जनता को विश्वास दिलाने के लिए उपलब्धियों का ठोस आधार नहीं रहा। इतिहास में शायद पहला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे जो बगैर जनता द्वारा चुने हुए 17 साल तक मुख्यमंत्री रहे। नीतीश कुमार सत्ता का गठरी अपने कंधों पर रखा। नीतीश कुमार राजद का वोट लेकर भाजपा में सत्ता पर काबिज हो गए तथा भाजपा से वोट लेकर राजद में सत्ता पर काबिज हो गए। ऐसे स्थिति में जनता का विश्वास खोते गए ? सबसे रोचक विषय है कि जिस भाजपा ने नीतीश कुमार को अपने जनसंख्या से मुख्यमंत्री बनाया उसी भाजपा को ही बाहर कर दिया? भारत सरकार द्वारा सैकड़ों चलाई जा रही है। अधिकांश योजनाओं के बारे में लोग जानते तक नहीं। आज पूरा बिहार अपराध की नगरी और भ्रष्टाचार का साम्राज्य बन गया है।