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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान कार्यशाला सह पुरुस्कार का किया गया वितरण

पटना। आज का विज्ञान ही कल का तकनीक होता है। विज्ञान एवं गणित विषयों में ठोस ज्ञान होने पर ही छात्र एवं छात्राएं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर सकते है। आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान कार्यशाला सह पुरुस्कार वितरण समारोह का आयोजन अधिवेशन भवन, पुराना सचिवालय परिसर, पटना में किया गया, जिसमें शामिल हुए और विज्ञान एवं प्रावैधिकी के महत्व के साथ राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर कर हमने अपने विभाग के द्वारा विज्ञान एवं गणित विषयों में छात्र एवं छात्राओं में अभिरुचि उत्पन्न करने, मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित भी किया। विज्ञान के अध्ययन से वैज्ञानिक विधि का अनुसरण करने से वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है। रूढ़िगत तथा परंपरागत विचारों से हटकर स्वतंत्र और मुक्त चिंतन की प्रवृत्ति ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को जन्म दिया है। वास्तव में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जीवन के हर क्षेत्र में सत्य तथा यथार्थ का पता लगा सकते हैं। उदार मनोवृत्ति ज्ञानप्राप्ति की जिज्ञासा ज्ञान प्राप्त करने की प्रविधियों में विश्वास तथा प्राप्त ज्ञान के प्रयोग के आधार पर उसके प्रामाणिक होने की संभावना, ये सभी तथ्य वैज्ञानिक दृष्टिकोण में निहित हैं। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में उद्योग की मांग के अनुरूप नये एवं उभरते हुए विद्याओं में तकनीकी पाठ्यक्रमों को आरंभ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी 38 जिलों के लिए अभियंत्रण महाविद्यालय तथा पॉलिटेक्निक संस्थान स्थापित किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त सभी पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु सेंटर ऑफ एक्सेलेंस की स्थापना की जा रही है। विकसित बिहार के संदर्भ में विज्ञान की महत्ता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा डा० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम साईंस सिटी, पटना का निर्माण कार्य, तारामंडल, पटना के आधुनिक प्रोजेक्शन सिस्टम के अधिष्ठापन का कार्य प्रगति पर है एवं तारामंडल सह विज्ञान संग्रहालय, दरभंगा का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है। इतना ही नहीं, डा० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम साईंस सिटी का सिविल कार्य 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। प्रर्दश डिजाईन कार्य का अनुमोदन अंतिम चरण में है। इसके अलावा भी बिहार में विज्ञान के क्षेत्र में कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य जारी हैं, जो विकसित बिहार की अवधारणा को दुनिया के सामने प्रदर्शित करेगा। वहीं इस अवसर पर दीपक कुमार सिंह, आईएएस, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार सरकार, लोकेश कुमार सिंह, आईएएस, सचिव, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, बिहार सरकार वैभव चौधरी, आईएएस, निदेशक, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, बिहार सरकार, रवि प्रकाश, निदेशक, शिक्षा विभाग, बिहार सरकार और संतोष कुमार, सह-प्रध्यापक, भैतिकी विभाग, कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट एण्ड साईन्स, पटना ने अपने वक्तव्य रखें।

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