गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों की तलाश करेंगे बिहार के सौ शिक्षक
■ सांस्कृतिक स्त्रोत और प्रशिक्षण केंद्र की पहल
■ स्थान, पार्क आदि का भी होगा संकलन
पटना। स्वतंत्रता आंदोलन मे किसी भी रूप मे योगदान देने वाले गुमनाम क्रांतिकारियों को ढूंढा जाएगा। इसके साथ ही स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ऐसी जगह के बारे मे भी लोग जान पाएंगे जो अबतक सामने नही आ पाए हैं। स्वतंत्रता आंदोलन की गुमनाम शख्सियतों और जगहों को ढूंढने के बाद उनकी कहानियां तैयार की जाएंगी। इसके लिए पूर्वी चम्पारण जिला सहित बिहार के सौ शिक्षकों और व्याख्यताओं की टीम तैयार की गई है। ये लोग मिलकर बिहार के विभिन्न जिलों से ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों व स्थलों को तलाशेंगे। सांस्कृतिक स्त्रोत और प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) भारत सरकार और राज्यों का एससीईआरटी डिजिटल डिस्ट्रिक्ट रिप्रोजेट्री प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है। गुरूवार 16 मार्च को पटना मे इसको लेकर कार्यशाला मे इन शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई। किलकारी,बिहार बाल भवन पटना मे इस एकदिवसीय कार्यशाला की शुरुआत सीसीआरटी के उपनिदेशक डाॅ. राहुल कुमार, संयुक्त निदेशक(डायट) एससीईआरटी पटना डाॅ. रश्मि प्रभा, बाल भवन किलकारी पटना की निदेशक श्रीमति ज्योति परिहार एवं टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पूर्वी चम्पारण जिला से इस टीम मे दो शिक्षक शामिल है। इस प्रोजेक्ट के तहत देशभर से पांच हजार ऐसी कहानियों का संग्रह किया जाएगा। टीम मे शामिल मृत्युंजय कुमार ठाकुर एवं विनोद कुमार पाण्डेय ने बताया कि शिक्षक अपने क्षेत्र के साथ ही अन्य जगहों के बारे मे भी लिख सकते हैं। 200-500 शब्दों मे कहानी भेजनी है। इसमे यह ध्यान रखना है कि जिन स्वतंत्रता सेनानी या जगह के बारे मे बताया जा रहा है, वह नई है और पहले कहीं छपी नही है।