राहुल विदेश की धरती पर देश की साख को मिटा रहे हैं : डॉ लक्ष्मी नारायण
फतुहा। राहुल भारत में मोदी विरोध में कुछ बोलें यह राजनीतिक हिस्सा हो सकता है लेकिन विदेश के धरती पर मोदी विरोध के चलते गलत बयान देकर देश की साख को बटा लगा रहे हैं,यह उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को ही दर्शाता है। भारत जैसे सशक्त लोकतंत्र के लिए विवेकशील विपक्ष चाहिए, यह लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। लेकिन राहुल गांधी विपक्ष की भूमिका में खरे नहीं उतरे। जबकि लोकतंत्र का तकाजा है कि जो विपक्ष में अपनी भूमिका का सशक्त निर्वाह करता है वही सत्ता पर काबिज होने के काबिल है। यह बात राहुल को समझनी चाहिए। देश में कांग्रेस की यात्राओं के माध्यम से राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्व स्तरीय नेता की छवि को धुंधला कर स्वयं को उस स्तर का नेता साबित करने में जुटे हुए हैं जबकि मोदी की छवि एंव हस्ती, प्रसिद्धि एवं स्वीकार्यता विश्व के किसी भी नेता की तुलना में ज्यादा है। अन्य देशों की बात तो दूर वे अभी भारत में ही जिम्मेदार नेता नहीं बन पाए हैं। उनकी कार्यशैली बयानबाजी में अभी बचकाना एंव गैर जिम्मेदाराना भाव ही झलकता है। एक प्रांत में क्या जीत हासिल कर ली अहंकार के शिखर पर चढ़ बैठे । राहुल को यह समझना होगा कि इस तरह भारत के जनमानस पर पकड़ नहीं बना पाएंगे विदेश में चंद लोगों के सामने कुछ कह देने और बदले में चंद तालियां पा लेने से देश का समर्थन नहीं मिलेगा।