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बिहार में मठ-मंदिरों की जमीन अब नहीं बेच पाएंगे सेवक, जल्द बनेगा नया कानून

पटना: बिहार में अब बहुत जल्द देवी देवता भी जमीन के मालिक होंगे। इसके लिए बिहार सरकार ने एक नया कानून बनाने का ऐलान किया है। इसमें मठ मंदिरों की जमीन सेवक के नाम पर नहीं होगी। इन तमाम जमीनों को देवी देवताओं के नाम ट्रांसफर कर दिया जाएगा। एक कार्यक्रम में शामिल होने हाजीपुर पहुंचे बिहार सरकार के भूमि सुधार और राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने ये बातें कहीं।उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि कृषि विभाग और धार्मिक न्यास को एक बिल बनाने का सुझाव दिया गया है। इसे कैबिनेट से पारित कराया जाएगा। इस बिल में प्रावधान होगा कि मठ और मंदिरों की जो भी जमीन होगी, उसे अब सीधे देवी-देवताओं के नाम पर कर दिया जाएगा। इन जमीनों को अब मठ मंदिरों के सेवक को बेचने की इजाजत नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में 90% मठ मंदिरों की जमीन लोग हड़प रहे हैं। ऐसे में जो भी जमीन है, वह देवी-देवताओं के नाम कर दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने भगवान के नाम पर जमीन का दान दिया था। जिसमें सेवा के नाम पर उसको बेच दिया जाता है। इससे बचाव बेहद जरूरी है। मंत्री रामसूरत राय ने आगे कहा कि महंतों से हमारा विनम्र आग्रह है कि मुट्ठी भर लोग आपके पीछे पड़े हुए हैं। आपके कंधे पर बंदूक रखकर चलाना चाहते हैं. इसलिए यह जो भूमि है, यह रैयती भूमि है। उसमें कानून में संशोधन करना होगा।जो सर्वे चल रहा है, उसमें हम सबसे पहले सुधार करेंगे कि हमारे पूर्वजों ने मंदिर को जो जमीन दान किया है, वह अब सीधे देवता के नाम से दान दिया गया है। उनके नाम से जमीन हो जाएगा. अब उस जमीन में सेवक के नाम के जगह भगवान का नाम हो जाएगा।उन्होंने आगे कहा कि आप मठ-मंदिर की जो व्यवस्था चला रहे हैं, वह उसी तरीके से चलाएं लेकिन न तो वह बिकेगी ना ही ट्रांसफर होगी।

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