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समाजसेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिये डा. नम्रता आनंद सम्मानित

पटना। दिव्य ज्योति फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित और बन्धु एंटरटेनमेंट के द्वारा प्रबंधित अंतर्राष्ट्रीय त्रैमासिक पत्रिका “दिव्य आलेख” के संपादक अविनाश बन्धु ने राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डा. नम्रता आनंद को समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये सम्मानित किया।
अविनाश बन्धु ने डा. नम्रता आनंद को दिव्य आलेख पत्रिका की उद्देशिका, मोमेंटो और फूल बुके देकर सम्मानित किया।अविनाश बन्धु ने बताया कि “दिव्य आलेख” साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक उत्थान के उद्देश्य से प्रकाशित की जायेगी। जिसमें हिंदी, भोजपूरी, मगही, मैथिली, अंगिका एवं अंग्रेजी लेख, कविता, ग़ज़ल, मुक्तक, छंद, आदि प्रकाशित होगी। इस पत्रिका का उद्देश्य हिंदी के विकास में क्षेत्रीय भाषाओं के योगदान से सम्बद्ध तथा पूरक साहित्य को लोकप्रिय बनाना है। इस पत्रिका में साहित्य के हर पहलू से संबंधित तकनीकी लेख, शोध, लेख, निबन्ध, परिभाषा-कोश, कविताएँ, व्यंग्य चित्र, सूचनाएँ, समाचार तथा पुस्तक समीक्षा आदि प्रकाशित की जायेगी।
इस अवसर पर डा. नम्रता आनंद ने अविनाश बन्धु को दिव्य आलेख पत्रिका के लिये शुभकामना दी और कहा कि पत्रिका या पुस्तकें ज्ञान की सुरक्षा, संरक्षा, सृजन और परिमार्जन में भी प्रमुख भूमिका निभाती हैं। मानव के कार्य, विचार , ज्ञान, समाज और संस्कृति के विकास में योगदान को पुस्तकें सुरक्षित रखती हैं। पुस्तक या पत्रिका का महत्व सार्वभौमिक, सार्वकालिक एवं सार्वदैशिक है। पुस्तकें न सिर्फ ज्ञान प्राप्त करने का साधन हैं बल्कि जीवन दर्शन को समझने के लिए पुस्तकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। साहित्य समाज का दर्पण होता है। साहित्य का अध्यन कर हमें अपने समाज को जान ने का अवसर मिलता हैं। पुस्तक या पत्रिका भारतीय जन-चेतना को जाग्रत कर नये भारत के निर्माण की दिशा में प्रेरित करती है। साहित्य वह मजबूत माध्यम है जो हमारी राष्ट्रीय चेतना को जीवंत रखते हुए भारतीय संस्कृति को संजो कर उसे पीढ़ी-दर-पीढ़ी संचरित करने का महत्ती काम करता है।

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