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कालाजार को जड़ से खत्म करने के लिए दवाओं का कोर्स पूरा करना जरूरी

लक्षण को पहचाने इलाज होगा आसान
बचाव का सबसे बेहतर उपाय है

पटना/ 31 जनवरी- भारत में कम-से-कम 20 उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग मौजूद हैं। जिससे देश भर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं। इनमें प्रायः अधिकतर लोग गरीब एवं संवेदनशील वर्ग से होते हैं। आज विश्व में हर पांच में से एक व्यक्ति एनटीडी रोगों से पीड़ित है। दुनिया में इन 11 बीमारियों का भारी बोझ भारत पर भी है। इन रोगों से रोगी में दुर्बलता तो आती ही है, कई स्थितियों में ये पीड़ित व्यक्ति की मौत का कारण भी बनती हैं। उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग में कालाजार भी एक प्रमुख रोग है जिसके कारण जिले में हर साल मरीज पाए जाते हैं.
बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कालाजार धीरे-धीरे विकसित होने वाली बीमारी है जो मादा फ्लैबोटामस अर्जेंटाइप्स (बालू मक्खी) के काटने से होता है। बालू मक्खी कम रोशनी और नमी वाले स्थानों जैसे मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों तथा नम मिट्टी में रहती है। इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है। मक्खी के काटने के 15 से 20 दिन बाद व्यक्ति में कालाजार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। पीकेडीएल यानि त्वचा का कालाजार एक ऐसी स्थिति है, जब एलडी बॉडी नामक परजीवी त्वचा कोशिकाओं पर आक्रमण कर उन्हें संक्रमित कर देता है और वहीं रहते हुए विकसित होकर त्वचा पर घाव के रूप में उभरने लगता है। उन्हें बार-बार बुखार आने लगता है। इसके साथ-साथ भूख में कमी, वजन का घटना, थकान महसूस होना, पेट का बढ़ जाना आदि इसके लक्षण के रूप में दिखाई देने लगते हैं। ऐसे व्यक्ति को तुरंत नजदीक के अस्पताल में जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए। ठीक होने के बाद भी कुछ व्यक्ति के शरीर पर चकता या दाग होने लगता है। ऐसे व्यक्तियों को भी अस्पताल जाकर अपनी जांच करानी चाहिए।
कालाजार को जड़ से खत्म करने के लिए दवाओं का कोर्स पूरा करना जरूरी:
डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कालाजार का ईलाज पूर्ण रूप संभव है। लेकिन इसके लिए 12 सप्ताह तक दवा का नियमित सेवन जरूरी है। रोगी के द्वारा बीच में दवा छोड़ देने या समय पर सही खुराक न लेने से इसकी संभवना बढ़ जाती है।
मरीजों को आर्थिक सहायता का मिलेगा लाभ
कालाजार से पीड़ित रोगी को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में बीमार व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा 6600 रुपए और केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपए दिए जाते हैं। यह राशि कालाजार संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के समय में दिया जाता है। वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार संक्रमित रोगी को केंद्र सरकार की तरफ से 4000 रुपए दिए जाते हैं। स्वच्छता और सावधानी :

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