कायाकल्प योजना सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में सक्षम: सिविल सर्जन
गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर प्रतिनियुक्त नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी: आरपीएम
अस्पताल परिसर के अंदर एवं बाहरी हिस्से में पूरी तरह सफ़ाई एवं स्वच्छता पर ध्यान देने के लिए किया गया प्रशिक्षित: डीसीक्यूए
पूर्णिया। “स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत” को शत प्रतिशत लागू करने के उद्देश्य से ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों का कायाकल्प योजना के तहत जोड़ने को लेकर सभी अनुमंडलीय, रेफ़रल अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के नोडल अधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रसव केंद्र की प्रभारी स्टाफ़ नर्स या एएनएम को एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित सभागार में किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इक़बाल, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, जिला सलाहकार, गुणवत्ता यक़ीन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा, डीपीसी निशि श्रीवास्तव, शहरी स्वास्थ्य केंद्र के सलाहकार दिलनवाज़, यूनिसेफ के सलाहकार शिव शेखर आनंद, नंदन कुमार झा, केयर इंडिया के डिटीएल आलोक पटनायक, डॉ सनोज कुमार एवं संध्या, सीफार के धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि विगत 15 मई 2015 को कायाकल्प नाम से एक कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। हालांकि कायाकल्प कार्यक्रम के तहत एसडीएच के के साथ ही रेफ़रल अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, एपीएचसी एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर को भी शामिल किया गया है। कायाकल्प कार्यक्रम को लेकर सरकारी अस्पतालों के बीच काफी ज़्यादा उत्साह और एक सकारात्मक प्रतियोगिता को बढ़ाने का काम किया है। क्योंकि यह कार्यक्रम स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के मन में गर्व और स्वामित्व का भाव लेकर आया है। इतना ही नहीं बल्कि स्थानीय स्तर पर कार्य करने वाले प्रबंधन के नेतृत्व में लगातार वृद्धि हो रही है। कायाकल्प न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में सक्षम है, बल्कि इसने जनता के व्यवहार को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसका उदाहरण राज्य या जिला स्तर के निरीक्षीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान देखने को मिलता है। शायद यही कारण है कि निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों का रुझान पहले कि अपेक्षा ज्यादा बढ़ा हुआ है।
गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर प्रतिनियुक्त नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इक़बाल ने कहा कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कायाकल्प योजना के संचालन के अलावा शेष सभी तरह के कार्यक्रमों का संचालन नियमित रूप से होना चाहिए। जब तक स्वास्थ्य विभाग ठीक नहीं रहेगा तब तक किसी भी तरह के मरीज़ों की सेवा नहीं की जा सकती है। जिसके लिए स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने की दिशा में बेहतर तरीके से विभागीय स्तर पर कारगर पहल की जा रही है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार की योजनाओं एवं कायाकल्प योजना को विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में शत प्रतिशत लागू करने को लेकर ज़िले के सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तर पर सुयोग्य चिकित्सकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नोडल अधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर दी गई हैं। क्योंकि नोडल अधिकारी संबंधित स्वास्थ्य केंद्र के एमओआईसी, एचएम, बीएचएम, स्टाफ़ नर्स एवं एएनएम के साथ समन्वय स्थापित कर स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार कर अपने स्वास्थ्य संस्थान को बेहतरी के लिए कार्य करेंगे।
अस्पताल परिसर के अंदर एवं बाहरी हिस्से में पूरी तरह सफ़ाई एवं स्वच्छता पर ध्यान देने के लिए किया गया प्रशिक्षित: डीसीक्यूए
ज़िला सलाहकार, गुणवत्ता यक़ीन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में साफ़-सफ़ाई को लेकर प्रसव कक्ष के नोडल अधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, बीएचएम, प्रसव कक्ष की प्रभारी स्टाफ़ नर्स एवं एएनएम को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत यूनिसेफ के द्वारा प्रशिक्षित किया गया। ताकि अस्पताल में किस तरह से सफ़ाई रखा जाए। उससे संबंधित विस्तृत रूप से चर्चा की गई। अस्पताल परिसर के अंदर प्रसव कक्ष, ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू, ओपीडी, आईपीडी, जांच घर, ब्लड बैंक, चिकित्सक, जीएनएम एवं एएनएम कार्यालय, शुद्ध पेयजल, शौचालय सहित अस्पताल का रख-रखाव, सफ़ाई एवं स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, सहयोगी सेवाएं, स्वच्छता संवर्धन, अस्पताल परिसर की चहारदीवारी, पर्यावरण के अनुसार सभी तरह की सुख सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहिए। ताकि चिकित्सीय परामर्श या उपचार को लेकर आने वाले मरीजों या अभिभावकों को किसी तरह से कोई परेशानी नही हो।