नए एसपी से विशेष उम्मीद,और चुनौती भी
फतुहा। पटना में नए एसएसपी राजीव मिश्रा के योगदान करने पर आशा की नई किरण जगी है। इस बार भी आम नागरिकों को इस बात की उम्मीद है कि राजधानी में अपराध कि घटनाएं थमेगी और नए एस एसपी पी जनता की उम्मीदों पर खरे उतरेगी।इस सच्चाई को कोई इनकार नहीं कर सकता। आज पुलिस से आम आदमी डरता है, कानून को मानने ही भय खाते हैं।होना तो यह चाहिए कि पुलिस से अपराधी डरे और कानून तोड़ने वालों में भय हो।खाकी वर्दी की हनक होनी चाहिए।पुलिस जनता की दोस्त बने अपराधियों से हमदर्दी न हो। अपराध रोकने के लिए सरकार को भी इमानदारी से कदम उठाना होगा। पुलिस अधिकारी को राजनीतिक बेड़ी नहीं पहना होगा? एसएसपी साहब को अपराध रोकने के लिए सख्त कदम उठाना होगा। एक भी निर्दोष व्यक्ति जेल नहीं जाए। क्योंकि 70/80 प्रतिशत निर्दोष व्यक्ति ही जेल जाते हैं। अधिकांश मुकदमों में निर्दोष व्यक्ति का नाम जोड़ दी जाती है। अपराध में इस्तेमाल होने वाला हथियार को बरामद करने के लिए सख्त आदेश देना होगा तथा हथियार निर्माण स्थल का उद्भेदन करना होगा साथ ही अपराध में इस्तेमाल होने वाला कारतूस आपूर्तिकर्ता का उद्भेदन करना होगा। भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने के लिए सरकार द्वारा पुलिस को छूट देनी होगी। पुल, भवन आदि निर्माण में घटिया सामग्री के कारण कभी-कभी उद्घाटन के पहले ही ध्वस्त हो जाता है। पुलिस को कार्रवाई करने का अधिकार है परंतु अपनी इच्छा से करवाई कर राजनीतिज्ञों का शिकार होकर अपना भविष्य बर्बाद करना कोई नहीं चाहेगा। ऐसे मामलों में तो ठेकेदार और संबंधित अभियंता के विरुद्ध अपराधिक मुकदमा दर्ज होनी चाहिए ,लीपापोती नहीं होनी चाहिए। नए एस एसपी साहब आए हैं तो लोगों में आशा है कि सरकार और पुलिस कठोर कदम उठाकर जनता का भरोसा जीत सकती है। घूसखोर, कामचोर, और पक्षपाती पुलिसकर्मियों से नए एसपी को सावधान रहकर किशोर कुणाल, आर एस भट्टी, शोभा अहोतकर, गुप्तेश्वर पांडे, शिवदीप लांडे, जैसे अधिकारियों की तरह जनता के बीच काम करना चाहिए। अपनी व्यवहार से भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ लड़ना पड़ेगा। आम नागरिकों को इनसे यही उम्मीद भी है। राजीव मिश्रा जी पटना के लिए नए नहीं है, पटना को भली-भांति जानते हैं। अभी सीबीआई से लौटे हैं।