भूमि विवाद में अंचलाधिकारी को को जिम्मेदार बनाना होगा
फतुहा। भाजपा मीडिया डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल ने कहा है कि अधिकांश झगड़ा में मार- पीट , हत्या आदि जमीन से संबंधित ही होता है। भूमि विवाद में अधिकांश मामले जमीन की नापी, रैयतों के बीच सीमां कन, लोक भूमि अतिक्रमण, सरकारी भूमि के आवंटन को बेदखल किए जाने,गैर मजरूआ मालिक, आम जमीन एवं विकास भूमि पर कब्जा तथा नाली गली के निर्माण को लेकर होते हैं। विवादों में हत्या, अपहरण , मारपीट, छेड़खानी आम बातें हो गई है, जिसके कारण आपसी विवाद, तनाव बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि जमीन से संबंधित किसी प्रकार का विवाद होता है वैसी स्थिति में अंचलाधिकारी को जिम्मेदार माना जाए। अंचलाधिकारी को जमीन से संबंधित अलग – अलंग समय निर्धारित करना चाहिए जैसे दाखिल खारिज 15 दिन से एक महिना,जमीन नापी एक सप्ताह आदि-आदि। विलंब होने पर माना जाए कि जान बूझकर रोका गया है जो एक अपराध के श्रेणी में आना चाहिए तथा एफ आई आर दर्ज कर जेल भेजना चाहिए। इसी प्रकार सभी कार्यों का समय निर्धारित कर देना चाहिए तथा विलंब होने पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा देना चाहिए। इसी प्रकार सभी विभागों में कार्यों का समय निर्धारित कर देना चाहिए। ऐसे स्थिति में जमीन विवाद में भारी कमी आ सकती है।