ब्रेकिंग
माफी मांगो नहीं तो केस…कैश कांड पर तावड़े का पलटवार, खरगे-राहुल और सुप्रिया को नोटिस बिहार में नेशनल हाइवे का नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा: गडकरी प्रदूषण पर दिल्ली सरकार के जवाब से हम संतुष्ट नहीं: सुप्रीम कोर्ट औरैया में पेड़ से टकराकर खाई में पलटी कार, 4 लोगों की मौत; शादी में जा रहे थे सभी महाराष्ट्र: ठाकरे-शिंदे-फडणवीस-पवार… सीएम पद के दावेदार, कौन निभाएगा मुख्य किरदार? बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों पर बीजेपी की पैनी नजर, देवेंद्र फडणवीस ने की बैठक बीजेपी दिल्ली की सत्ता में आई तो बंद कर देगी ये 6 रेवड़ियां… अरविंद केजरीवाल का हमला अमन अरोड़ा होंगे पंजाब में AAP के अध्यक्ष, सीएम भगवंत मान ने किया ऐलान मानहानि मामले में CM आतिशी को बड़ी राहत, सुनवाई पर लगी रोक, जानें क्या है मामला पटना: बालू लदे ट्रक ने स्कूली बच्चों की ऑटो में मारी टक्कर, 4 की मौत; 3 गंभीर घायल

9 महीने 9 दिन गर्भ में बच्चा क्यों रहता है और इसका बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है?

गर्भ मे बच्चा 9 महीने और 9 दिन ही क्यो रहता है। इसका एक वैज्ञानिक आधार है, हमारे ब्रह्मांड के 9 ग्रह अपनी अपनी किरणों से गर्भ मे पल रहे बच्चे को विकसित करते है। हर ग्रह अपने स्वभाव के अनुरूप बच्चे के शरीर के भागों को विकसित करता है।
1. गर्भ से 1 महीने तक शुक्र का प्रभाव रहता है अगर गर्भावस्था के समय शुक्र कमजोर है तो शुक्र को मजबूत करना चाहिए। अगर शुक्र मजबूत होगा तो बच्चा बहुत सुंदर होगा । और उस समय स्त्री को चटपटी चीजे खानी चाहिए शुक्र का दान न करे अगर दान किया तो शुक्र कमजोर हो जाएगा।
2. दूसरे महीने मंगल का प्रभाव रहता है। मीठा खा कर मंगल को मजबूत करे तथा लाल वस्त्र ज्यादा धारण करे।
3. तीसरे महीने गुरु का प्रभाव रहता है।दूध और मीठे से बनी मिठाई या पकवान का सेवन करे तथा पीले वस्त्र ज्यादा धारण करे।
4. चौथे महीने सूर्य का प्रभाव रहता है। रसों का सेवन करे तथा महरून वस्त्र ज्यादा धारण करे।
5. पांचवे महीने चंद्र का प्रभाव रहता है।दूध और दहि तथा चावल तथा सफ़ेद चीजों का सेवन करे तथा सफ़ेद ज्यादा वस्त्र धारण करे।
6. छटे महीने शनि का प्रभाव रहता है। कसैली चीजों केल्शियम और रसों के सेवन करे तथा आसमानी वस्त्र ज्यादा धारण करे।
7. सातवे महीने बुध का प्रभाव रहता है।जूस और फलों का खूब सेवन करे तथा हरे रंग के वस्त्र ज्यादा धारण करे।
8. आठवे महीने फिर चंद्र का प्रभाव रहता है।
9. नौवे महीने सूर्य का प्रभाव रहता है। इस दौरान अगर कोई ग्रह नीच राशि गत भ्रमण कर रहा है तो उसका पूरे महीने यज्ञ करन चाहिए। जितना गर्भ ग्रहों की किरणों से तपेगा उतना ही बच्चा महान और मेधावी होगा। माँ का गर्भ ग्रहों की किरणों से जितना तपेगा बच्चा उतना ही मजबूत होगा। ठीक वैसे जैसे मुर्गी अपने अंडों को गर्मी देती है तो चूज़े मज़बूत होते हैं, जैसे गांधारी की आँखों की किरणों के तेज़ से दुर्योधन का शरीर वज्र का हो गया था। अगर कोई ग्रह गर्भ मे पल रहे बच्चे के समय कमजोर है तो उपाय से उसको ठीक किया जा सकता है। यह जीवन बड़ा ही अनमोल है रेलवे की ट्रेन की भांति प्रतिदिन हमारी जिंदगी चलती रहती है। इसीलिए जीवन का प्रत्येक दिन प्रभु की सेवा में कुछ समय जरूर दें। आप सबको एक बात यह भी स्पष्ट करना चाहेंगे कि यह कोई मनगढ़ंत कहानियां नहीं बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के स्टोरी नहीं बल्कि सनातन धर्म की ज्ञान के भंडार हैं उठाए गए कुछ शब्द हैं यदि आप सभी को सही लगे तो रिट्वीट कर अधिक से अधिक लोगों तक यह जानकारी जरूर पहुंचाएं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.