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IGIMS में बच्चों की एंट्री हुईं बैन, जानिए क्या है पूरा मामला

पटना। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में अब बच्चों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। अगर इलाज कराना होगा तभी बच्चे वार्ड में जा पाएंगे। मरीज को देखने या फिर ऐसे ही गार्जियन के साथ वह नहीं जा पाएंगे। इसके लिए आदेश जारी कर दिया गया है। गार्डों को माइकिंग से इस आदेश को प्रचारित करने के साथ बच्चों को वार्ड में जाने से रोकने को कहा गया है

बच्चों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर बनी व्यवस्था

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेट डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि बच्चों में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सुरक्षा को लेकर ऐसी व्यवस्था बनाई गई है। अब संस्थान के वार्डों में ऐसे ही बच्चों को आने दिया जाएगा जिनका इलाज कराया जाना है। बिना इलाज वाले बच्चों को अब वार्ड में जाने से पूरी तरह से रोका जाएगा। संस्थान के कैंपस में तैनात सुरक्षा कर्मियों को जिम्मेदारी दी गई है वह बिना इलाज वाले बच्चों को वार्ड में जाने से रोकेंगे। सोमवार से यह व्यवस्था शुरू की जाएगी, इसमें गार्डों को माइकिंग से लोगों को अवेयर करने को कहा गा है।

बच्चों को संक्रमण का खतरा

डॉ. मनीष मंडल का कहना है कि बच्चों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है। बच्चे सुरक्षा को लेकर कोई ध्यान भी नहीं दे पाते हैं। ऐसे में कोरोना काल में यह व्यवस्था बनाई गई है कि बच्चों को वार्डों में जाने से रोका जाए। इसके तहत ही आदेश जारी किया गया है। जिन बच्चों का इलाज होना है उन्हें नहीं रोका जाएगा, लेकिन जो बच्चे घर वालों के साथ ऐसे ही IGIMS आ रहे हैं उनके लिए वार्ड में जाने पर पूरी तरह मनाही रहेगी। डॉक्टर मनीष मंडल का कहना है कि ऐसे बच्चों पर संस्थान में नजर रखी जाएगी जो गार्जियन के साथ बिना काम के वार्ड में जाएंगे। अब संस्थान ने ऐसे बच्चों को वार्ड में जाने पर रोक लगाई है जिन्हें कोई बीमारी नहीं है, पर वह परिवार के साथ अस्पताल चले आए हैं। संक्रमण के बढ़ते खतरे को लेकर सुरक्षा कर्मियों को विशेष निगरानी को कहा गया है

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