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शराबी-शराब माफियाओं को ढूंढेंगे निहत्थे शिक्षक, नीतीश सरकार का आदेश

पटना: बिहार के सरकारी शिक्षक अब शराबियों की खोज करेंगे। नीतीश सरकार की पुलिस जब शराबबंदी को सफल नहीं करा सकी तो अब निहत्थे शिक्षकों को शराब माफियाओं को खोजने और सूचना देने की जिम्मेदारी दी है। शिक्षक अब शराब पीने-पिलाने वालों की पहचान करेंगे और इसकी सूचना देंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने इस संबंध में सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को पत्र लिखकर नशामुक्ति अभियान को सफल बनाने को कहा है। सरकार के इस आदेश को राजद ने तुगलकी फरमान करार दिया है।शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पत्र में कहा गया है कि ऐसी सूचना लगातार मिल रही है कि अभी भी कुछ लोग चोरी-छुपे शराब का सेवन कर रहे हैं। इसका दुष्परिणाम शराब पीने वाले और उनके परिवार पर पड़ रहा है। ऐसे में इसे रोकना अति आवश्यक है। इस संबंध में निर्देश दिया जाता है कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक बुलाकर नशा मुक्ति के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दें। साथ ही प्राथमिक,मध्य विद्यालय उच्च माध्यमिक विद्यालय के सभी प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षा सेवक, तालिमी मरकज के साथ ही शिक्षा समिति के सदस्यों को निर्देश दें कि चोरी छुपे शराब पीने वाले या आपूर्ति करने वालों की पहचान करें। इसके बाद इसकी सूचना मद्य निषेध विभाग के मोबाइल नंबर एवं टोल फ्री नंबर पर दें। सरकार के अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि शराब की सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सरकार ने कहा है कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि विद्यालय अवधि के बाद चोरी-छुपे नशा पान करने वाले लोग विद्यालय परिसर का उपयोग न करें। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने मद्य निषेध विभाग के मोबाइल नंबर 94734 00378 और 94734 00606 के साथ ही टोल फ्री नंबर 18003 456 268/15545 पर सूचना दें।राजद ने शिक्षकों को शराब ढूंढने का टास्क सौंपे जाने के आदेश को बेतूका फरमान बताते हुए अविलम्ब इसे वापस लेने की माँग की है। राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि सरकार द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यपकों , शिक्षकों , शिक्षिकाओं , शिक्षा सेवकों , शिक्षा सेवकों ( तालीम मरकज ) के साथ हीं विधालय शिक्षा समिति के सदस्यों को गुपचुप तरीके से शराब पीने वालों और आपूर्ति करने वालों का पता लगाकर मधनिषेध विभाग को सुचित करने का आदेश जारी किया गया है।राजद प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षकों के लाखों-लाख पद रिक्त रहने के कारण विधालयों में सही ढंग से पढ़ाई नही हो रहा है। पहले से हीं शिक्षकों से कई अन्य काम लिए जाते रहे हैं । कभी – कभी तो शिक्षकों की कमी की वजह से कई विधालयों में ताला लटका रहता है। सरकार के इस नये फरमान से तो शिक्षा व्यवस्था हीं पूर्ण रूप से ठप हो जायेगा। सरकार को बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण काम शराबबंदी हीं दिखाई पड़ रहा है।

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