ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

बिहार सरकार की नई पहल रैयतों को डिजिटाइज्ड अधिकार अभिलेख देने की तारीख तय

पटना  बिहार सरकार अब एक नई शुरूआत करने जा रही है रैयतों को डिजिटाइज्ड अधिकार अभिलेख देने की तैयारी है राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने तारीख तय कर दी है1 मार्च 2022 से बिहार के सभी 534 अंचलों से आमलोगों को डिजिटाइज्ड जमाबंदी की डिजिटली साइन्ड प्रति मिलने लगेगी

इसके पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है 3 फरवरी को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत राय ने डिजिटाइज्ड अधिकार अभिलेख की सेवा शुरू नहीं होने पर नाराजगी जताई थी उन्होंने जल्द ही पूरे बिहार के रैयतों को यह सेवा उपलब्ध कराने का निदेश दिया था पूर्व में भी डिजिटाइज्ड जमाबंदी आमलोगों को उपलब्ध कराने के प्रयास हुए लेकिन तैयारी पूरी नहीं होने की वजह से यह सेवा शुरू नहीं की जा सकी

बता दें, बिहार में कुल 3.77 करोड़ जमाबंदियां है जिन्हें विषेष अभियान चलाकर डिजिटाइज्ड और ऑनलाइन कराया जा चुका है इसके आधार पर ही पूरे बिहार में अक्टूबर 2018 से ऑनलाइन म्यूटेशन शुरू किया गया था किन्तु इस दौरान कई तरह की अशुद्धियां रह गई जिन्हें शुद्ध किए बगैर इस पर आधारित सेवा को शुरू करना संभव नहीं था जमाबंदी के डिजिटाइजेशन की अशुद्धि को ठीक करने के लिए परिमार्जन नाम का पोर्टल भी शुरू किया गया जिन रैयतों ने अपने स्तर से आवेदन नहीं दिया है उनकी प्रविष्टि को ठीक करना संभव नहीं था इस हेतु अभियान चलाकर प्रविष्टियों को दुरूस्त करने की कई बार कोशिश की गई इसको लेकर राजस्व विभाग द्वारा बिहार के जिला पदाधिकारियों को कई बार पत्र लिखा गया जमाबंदी पंजियों में कई प्रकार की इंट्री होती है जिनमें गलती होने पर अधिकार अभिलेख गलत हो जाता है गलतियों में कुछ इस प्रकार है जमाबंदी पंजी में लगान का विवरण दर्ज नहीं होना पंजी में खाता-खेसरा और रकवा अंकित नहीं होना नाम पिता का नाम और पता गलत दर्ज होना ऐसे में लोगों द्वारा जमाबंदी पंजी की कॉपी मांगने पर गलत प्रति देने की आशंका थी राजस्व अभिलेखों के आधुनिकीकरण और डिजिटाइजेशन करने की मुहिम के तहत डाटा इंट्री ऑपरेटरों द्वारा कई तरह की गलतियां अपने स्तर से भी कर दी गई थी सरकार के निर्णय के मुताबिक डिजिटल जमाबंदी को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी अंचलों के राजस्व अधिकारी अंचल निरीक्षक की होगी जो भी दस्तावेज दिया जाएगा उसपर कर्मचारी, राजस्व अधिकारी और अंचल अधिकारी का दस्तखत होगा जमाबंदी पंजी की हार्डकॉपी आधुनिक अभिलेखागारों में रखी जाएगी इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि जमाबंदी पंजी में अगर कोई सुधार किया गया तो किस तारीख को और किसके हस्ताक्षर से किया गया है

Leave A Reply

Your email address will not be published.