पटना: बिहार पुलिस लगातार खुद को समृद्ध के साथ-साथ खुद को आधुनिकीकरण की ओर ले जा रही है। पिछले 15 साल में बिहार के कई थाने जो जर्जर स्थिति में चल रहे थे, उन थानों को नए भवनों में शिफ्ट किया गया है। हालांकि, बिहार में कई भी ऐसे कई थाने हैं जिनके पास अपना भवन नहीं है। इनमें से कई थाने पटना में भी स्थित हैं, जो या तो किराए के मकान में चल रहे हैं या दूसरे विभाग की जमीन पर स्थापित हैं। बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार पिछले 6 महीने में करीब 100 थानों के लिए जमीन चिन्हित की गई है। राज्य सरकार ने भूमिहीन थानों को जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश जिले के डीएम और एसपी को दिया था। दोनों को आपस में समन्वय स्थापित कर थानों के लिए जमीन मुहैया करवाने का निर्देश दिया गया था। ताकि, वहां पर भवन निर्माण विभाग के द्वारा पुलिस के खुद के थाने का भवन बनाए जा सकें। हालांकि, बिहार में थानों का आधुनिकीकरण के लिए कुछ स्तर तक यह काम पूरा भी हुआ है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार बिहार के कुछ थाने ऐसे हैं, जो दूसरे विभाग की जमीन या स्थान पर चल रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही संबंधित विभाग से बातचीत कर वहां पर थाने का अपना भवन स्थापित होगा। राजधानी पटना सहित बिहार के कई जिलों में कई थानों को अपना भवन मिला है, जिसे आदर्श थाना के रूप में भवन बनाया गया है। सुल्तानगंज महिला थाना, दीघा थाना, पत्रकार नगर थाना सहित कई थानों को अपना भवन प्राप्त हुआ है। वहीं, राजधानी पटना के कई ऐसे थाने भी हैं, जो जर्जर स्थिति में हैं या अभी भी दूसरे स्थान पर चल रहे हैं. उनमें से बुद्धा कॉलोनी थाना, एसके पुरी थाना, कदम कुआं थाना, राजीव नगर थाना के अलावा कई और ऐसे थाने भी हैं।
‘बिहार के थानों को लेकर बिहार सरकार और पुलिस मुख्यालय काफी सतर्क है. बिहार सरकार की प्राथमिकता में से एक है कि बिहार के थानों का खुद का भवन हो सकें, जिस वजह से ज्यादातर थानों को अपने भवन मुहैया हुआ है. कुछ थाने बचे हुए हैं, जिनके पास अपना भवन नहीं है. ऐसे में पिछले 6 महीनों में करीब 100 थानों को जमीन मुहैया करवाई गई है, उनमें से कुछ में भवन निर्माण विभाग द्वारा काम भी शुरू कर दिया गया है.”- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, बिहार पुलिस मुख्यालय