ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

जनसंचार सिद्धान्त और प्रतिरूप पुस्तक का कुलपति ने किया विमोचन

मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा द्वारा लिखित पुस्तक जनसंचार सिद्धान्त और प्रतिरूप का विमोचन महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने की। विमोचन जिला स्कूल स्थित चाणक्य परिसर के कुलपति कार्यालय में सम्पन्न हुई। डॉ. झा की पुस्तक का विमोचन करते हुए कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि “जनसंचार की महत्ता आज दिन-प्रतिदिन व्यापक होती जा रही है। यह पुस्तक पत्रकारिता एवं जनसंचार के अध्येताओं व विद्यार्थियों के लिए आशापूर्वक उपयोगी होगी।” वर्तमान में डॉ. झा महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। डॉ. अंजनी कुमार झा प्रिंट मीडिया और विकास संचार में विशेषज्ञ हैं। डॉ. झा की अनेक स्वरचित पुस्तकें प्रकाशित भी हुई हैं। जिसमें दोहरे मापदंड, मध्यप्रदेश की लोक कथाएँ, हिंदी के प्रमुख समाचारपत्र और पत्रिकाएं, ग्राम्य विकास और स्वदेशी संसाधन, महापुरुषों की गौरव गाथा, मुद्दे की बात, कैसे मिले समान शिक्षा, आतंकवाद और मीडिया, जीवन के दो टुकड़े, पत्रकारिता और संपादक प्रमुख है। डॉ. अंजनी कुमार झा ने पुस्तक की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुस्तक का लेखन वर्तमान संचार व्यवस्था एवं उसमें आये आमूल-चूल परिवर्तन को ध्यान में रखकर किया गया है। भाषा की सरलता, अन्तर्वस्तु, लालित्य, सरसता और माधुर्य को बनाए रखने के लिए इसे दस अध्यायों में विभक्त किया गया है। पुस्तक में मीडिया की ताकत को कई कोणों से दर्शाया गया है। मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक प्रो. डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र, डॉ. साकेत रमण , डॉ. सुनील दीपक घोडके और डॉ. उमा यादव ने भी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी। साथ ही विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों , शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने भी बधाई दी है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.