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हत्याकांड मामले में आरोपितों को आजीवन कारावास

आहर की निगरानी कर रहे चार लोगों की गोली मारकर की थी हत्या

जहानाबाद। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय जावेद अहमद खान की अदालत ने हत्याकांड में आरोपित चौदह अभियुक्तों को दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर लोक अभियोजक अवधेश कुमार, साधना शर्मा, रामबचन प्रसाद ने अभियोजन की ओर से काम किया। उन्होंने बताया कि 27 वर्ष पूर्व चार लोगों की गोली मारकर हत्या करने एवं एक को जख्मी करने के मामले में भा. द. वि की धारा 302, में सभी अभियुको को आजीवन सश्रम कारावास एवं पाँच हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई, भा द वि की धारा 307 में दस वर्ष सश्रम कारावास एवं तीन हजार अर्थदंड एवं 27 आर्म्स एक्ट में तीन साल सश्रम कारावास के साथ तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जावेद अहमद खान की अदालत ने प्रतिबंधित संगठन के धनंजय यादव, वृंदा यादव,सुशील कुमार, मिथिलेश यादव,विपिन यादव, राजेंद्र यादव,रामकृष्ण यादव, बैजनाथ यादव, अजय यादव, चंद्र घोष यादव, दया सिंह, उपेंद्र यादव, नरेश यादव,तथा नागेंद्र यादव को भादवि की धारा 302,307 एवं 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार करते हुए सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बताते चले कि न्यायालय ने धर्मदेव यादव,भगवान यादव,बालेश्वर यादव, विश्वनाथ सिंह, सत्येंद्र सिंह तथा रामराज यादव को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया । इस मामले में अरवल जिला अंतर्गत करपी थाना क्षेत्र के केयाल गांव निवासी शिव नारायण सिंह ने 30 से 40 अज्ञात प्रतिबंधित संगठन के लोगों को आरोपित करते हुए करपी थाने में प्राथमिकी संख्या 68/96 दर्ज कराया था। दर्ज प्राथमिकी में सूचक ने आरोप लगाया था की गांव के लोग सिंचाई को लेकर आहर में पानी जमा किए थे। जिसे असाढी गांव के लोग काट कर बहा दिया करते थे। जिसकी निगरानी के लिए केयाल गांव के लोगों ने निगरानी दल का गठन किया था। 8 अगस्त 1996 को निगरानी दल के भरत सिंह, मंगल सिंह, रामनिवास सिंह,नवलेश सिंह,प्रमोद कुमार,भोला सिंह,कारू कुर्मी,गंगु कुर्मी समेत कई लोग खाना खाकर बांध के समीप झोपड़ी में बैठकर बातचीत कर रहे थे।मध्य रात्रि के करीब तकरीबन 30 से 40 की संख्या में हथियार से लैस लोगों के द्वारा झोपड़ी को घेर लिया और मौजूद लोगों के साथ लाठी-डंडे से मारपीट करने लगे, साथ ही गोली चला कर भरत सिंह,मंगल सिंह, राम विलास सिंह एवं नॉलेश सिंह की हत्या कर दी । जबकि प्रमोद कुमार को गोली मारकर जख्मी कर दिया था। इस मामले में अनुसंधानकर्ता के द्वारा 24 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया था। जिसमें से तीन अभियुक्तों की मौत हो गई थी। जबकि एक आरोपी बसंत सिंह फैसले के दिन अनुपस्थित हो गया। न्यायालय ने बसंत सिंह को उपरोक्त धाराओं में दोषी पाकर उसका बंध पत्र निरस्त कर गैर जमानती वारंट जारी किया है।

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