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हत्याकांड में दो आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

जहानाबाद। जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ राकेश कुमार सिंह की अदालत ने लालबाबू मांझी हत्याकांड मामले में आरोपित सोनू मांझी एवं गणेश मांझी को भारतीय दंड विधि की धारा 302 के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन सश्रम कारावास एवं 15000 रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर दोनों अभियुक्तों को 6 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।इस संबंध में जिला लोक अभियोजक सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि ग्राम कोसियामा पाली थाना क्षेत्र निवासी लालबाबू मांझी अपने ही गांव के देवी मंदिर परिसर में बैठे हुआ था। इसी बीच गांव के हीं रहने वाले गणेश मांझी एवं सोनू मांझी मौका-ए-वारदात पर पहुंचकर लालबाबू मांझी के साथ मामूली वाद-विवाद को लेकर गाली-गलौज करने लगता है। इसी बीच उग्र होकर दोनों अभियुक्त लालबाबू मांझी को पेट में वरछा मार कर घायल कर देता है।और मौके से फरार हो जाता है।जिससे लालबाबू मांझी लहूलुहान होकर वही गिर जाता है।कराहने की आवाज सुनते ही ग्रामीणों के द्वारा घायल व्यक्ति को आनन-फानन में इलाज के लिए काको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था।जहाँ हालत में सुधार न देखकर डॉक्टर के द्वारा जख्मी लालबाबू को पटना पीएमसीएच बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया जाता है। जहां इलाज के दरमियान लालबाबू की मृत्यु हो जाती है। इसी क्रम में सूचक लालबाबू मांझी के द्वारा दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध पाली थाना में प्राथमिकी 89/20 दर्ज कराया गया था। मामला न्यायालय पहुंचा जहां जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ राकेश कुमार सिंह की अदालत ने भा.द.वि की धारा 302 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं 15000 रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है ! साथ हीं भा.द.वि की धारा 326 के तहत 7 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10000 रूपए अर्थदंड, भा.द.वि की धारा 323 के तहत 1 वर्ष कारावास,भा.द.वि की धारा 341 के तहत 1 महीने कारावास, भा.द.वि की धारा 504 के तहत 6 महीने कारावास की सजा सुनाई है। बताते चले की इस मामले में अभियोजन की ओर से कुल दस गवाहों की गवाही कराई गई थी।

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