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पटना सेलिब्रेशन मुन्नाचक कंकड़बाग पटना में बिहारी फिजियोज के बैनर तले

अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक ड्राई निडलिंग के डा.मंयक पुष्कर ,नई दिल्ली के द्वारा एक दिवसीय डा्ई निडलिंग पर कार्यशाला का आयोजन किया गया

ड्राई नीडल थेरेपी का प्रयोग मुख्य रूप से मांसपेशियों में दर्द और क्रैम्पिंग को ठीक करने के लिए किया जाता है

यदि इस थेरेपी को सही तरीके से किया जाए तो फर्क तुरंत दिख जाता है

ड्राई नीडल एक आधुनिक इनवेसिव थेरेपी है, इससे आप झटपट मांसपेशियों में दर्द से राहत पा सकते है थेरेपी में प्रभावी जगह पर छोटी सुइयों को ट्रिगर पॉइंट पर चुभाकर इलाज किया जाता है

इस थेरेपी का प्रयोग ज्यादातार खिलाड़ी या एथलीट मसल्स का दर्द दूर करने के लिए करते है ड्राई नीडल एक आधुनिक इनवेसिव थेरेपी है, जो मुख्य रूप से फाइब्रोमायोल्गिया को ध्यान में रखकर मांसपेशियों में खिंचाव का इलाज किया जाता है यह प्रक्रिया शरीर के प्रभावित क्षेत्र या शरीर के ट्रिगर प्वाइंट पर कई सुइयों को चुभाकर की जाती है इंजेक्ट की गई ये सुइयां तेज प्रतिक्रिया पैदा करती हैं और इससे धीरे धीरे दर्द से राहत मिलना शुरू हो जाती है इससे आप झटपट मसल्स पेन से राहत पा सकते है
ड्राई नीडल थेरेपी काफी हद तक एक्यूपंचर के समान होती है, लेकिन दोनों विधियों में काफी अंतर है दोनों विधियों में प्रभावित जगह पर सुइयों को चुभाया जाता है ड्राई नीडल थेरेपी का प्रयोग मुख्य रूप से मांसपेशियों में दर्द और क्रैम्पिंग को ठीक करने के लिए किया जाता है यदि इस थेरेपी को सही तरीके से किया जाए तो तुरंत ही फर्क दिख जाता है, लेकिन यदि इसमें जरा सी भी लापरवाही हो जाए तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है
इस कार्यशाला के दौरान बिहार कालेज आफ आकुपेशनलथेरापी एवम फिजियोथेरापी के फिजियोथेरापी विभाग के व्याख्याता डा.आलोक प्रियदर्शी एवम चिल्डेन्स रिहैबिटेशन सेन्टर कंकड़बाग के डा.प्रशांत भुषण निरूपमा हेल्थ केयर नई दिल्ली के डा.नवनीत कृष्ण फिजियोकेयर के डा.संतोष मिश्रा,प्रभावती अस्पताल गया के फिजियोथेरापिस्ट और कार्यशाला के आयोजक समिती में शामिल डा.मृत्युंजय कुमार शामिल रहे इस कार्यशाला के संबंध में बताते हुए बिहारी फिजियोज के संस्थापक एवम कार्यशाला के मुख्य आयोजक डा शशि आनंद ने कहा की बिहारी फिजियोज का मुख्य उद्देश बिहार के फिजियोथेरापी संवर्ग के लोगों को फिजियोथेरापी के क्षेत्र में आ रहे नई तकनीक और पद्धतियो़ को सभी फिजियोथेरापिस्ट के बीच पहुंचाना है जिससे उनके पास आ रहे मरीजों के उपचार में मदद मिल सके और दर्द मुक्त बिहार बनाया जा सके कार्यशाला के दौरान कुल 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिन्होंने अपने स्पीकर और कार्यशाला के मुख्य वक्ता डा.मंयक पुष्कर के माध्यम से इस पद्धति की जानकारी ली

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