दिल्ली से लगभग 400-500 किलोमीटर के आसपास कुछ ऐसी गुमनाम जगहें हैं जिनके बारे में हम और आप बहुत कम ही जानते हैं। दिल्ली से लगभग 352 और चंडीगढ़ से लगभग 120.9 किलोमीटर की दूरी पर है। इस अद्भुत जगह का नाम है ऊना, जो एक हिल स्टेशन के रूप में सैलानियों के बीच फेमस है। यहां घूमने के साथ-साथ आप एक से एक बेहतरीन स्थानीय भोजन का लुत्फ़ भी उठा सकते हैं। ऐसे में अगर आप आने वाले दिनों में परिवार, दोस्त या पार्टनर के साथ दिल्ली या चड़ीगढ़ के आसपास ही घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आप ऊना जा सकते हैं,
पोंग बांध- समुद्र तल से लगभग 450 फीट की उंचाई पर और लगभग 1983 में निर्मित पोंगा बांध ऊना के सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। ब्यास नदी के पर बने इस बांध के आसपास की जगहों पर सिर्फ चंडीगढ़ या दिल्ली ही नहीं बल्कि भारत के कई अन्य शहरों से भी लोग घूमने के लिए पहुंचते हैं। इस बांध के आसपास मौजूद प्रकृति की एक विस्तृत श्रृंखला का घर है। इसमें वाइल्ड बियर, नीलगाय, क्लॉलेस ओटर और तेंदुए जैसे जानवर को आप आसानी से देख सकते हैं। यहां विदेशी पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों भी देख सकते हैं।
थानेक पुरा- वैसे तो ऊना में एक से एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है लेकिन, दूर-दूर से ऊना शहर में घूमने आए सैलानी सबसे पहले थानेक पुरा घूमने के लिए पहुंचते हैं। क्योंकि, यह स्थान कई धार्मिक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। खासकर कृष्णा मंदिर के लिए ये जगह बेहद ही फेमस है। कहा जाता है कि इस स्थान से कुछ ही दूरी पर एक कुआँ मौजूद है, जो लगभग 60 सीढ़ियों वाला एक प्राचीन स्थल है और सैलानियों के बीच बेहद ही फेमस है। कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर हर साल यहां एक मेला आयोजित किया जाता है और इस मेला में घूमने के लिए हिमाचल प्रदेश के लगभग हर शहर से लोग पहुंचते हैं।
कुटलहर फोर्ट- ऊना की प्राचीन और प्रसिद्ध जगहों में से एक है कुटलहर फोर्ट। इस फेमस फोर्ट को सोलह सिंघी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस फोर्ट से फेमस गोविंद सागर झील और पोंग बांध का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है। इस फोर्ट का निर्माण कांगड़ा के राजा संसार चंद्र ने करवाया था। इस फोर्ट को बनाने में विशाल पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। कुटलहर फोर्ट से कुछ ही दूरी पर मौजूद रायपुर पैलेस, कुटलहर वन, बिलासपुर, पिपलू और बंगाना जैसी कई अद्भुत जगहें हैं जहां आप घूमने के लिए जा सकते हैं।
इन जगहों पर भी घूमने पहुंचे – पोंग बांध, थानेक पुरा और कुटलहर फोर्ट के अलावा ऊना में ऐसी कई बेहतरीन जगहें हैं, जहां आप कभी भी घूमने के लिए पहुंच सकते हैं। प्रसिद्ध स्थल बाबा रुद्रानंद आश्रम, जो ऊना जिले के अमलेहर गांव में स्थित है, चिंतपूर्णी देवी मंदिर और पीर निगाह जैसी कई बेहतरीन जगहों पर भी आप घूमने के लिए जा सकते हैं। आपको बता दें कि थानेक पुरा और पीर निगाह ट्रेकिंग के लिए भी फेमस है। यहां आप ट्रेकिंग करते हुए प्रकृति का अद्भुत नज़ारा देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे ऊना- दिल्ली, हरियाणा या चंडीगढ़ से ऊना जाना बेहद ही आसान है। इन जगहों से आप अपनी कार से भी घूमने के लिए जा सकते हैं। अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं, तो ट्रेन से भी जा सकते हैं। आप दिल्ली या चंडीगढ़ से ऊना के लिए ट्रेन पकड़कर जा सकते हैं। ऊना रेलवे स्टेशन से उतरने के बाद आप लोकल टैक्सी या कैब लेकर अपने होटल में जा सकते हैं। (मलाणा हिल स्टेशन) होटल में जाने के बाद आप घूमने का प्लान बना सकते हैं। दिल्ली या चंडीगढ़ से आप बस लेकर भी ऊना जा सकते हैं। इन शहरों से हर एक से दो घंटे बाद ऊना के लिए बस जाती है।
अगर आप घूमने के साथ-साथ स्वादिष्ट व्यंजन खाने का भी शौक रखते हैं, तो आपको हिमाचल प्रदेश के कुछ लाजवाब और स्वादिष्ट भोजन का स्वाद ज़रूर चखना चाहिए। ऊना में आप धाम, तुड़किया भात, बबरू, भेय और छा गोश्त का स्वाद चखना आप न भूलें। इसके अलावा ऊना में आप पंजाबी भोजन का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। ऊना में आप साउथ-इंडियन से लेकर पूर्व भारत में मिलने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। थानेक पुरा चाट बाज़ार के लिए भी जाना जाता है।
ऊना में रुकने के लिए होटल – ऊना में अगर आप एक से दो दिन रुकना चाहते हैं तो यहां कई सस्ते होटल है जहां आप आसानी से रूक सकते हैं। होटल पारस, कृष्णा हंस राज होटल, होटल सुविधा पैलेस, नटराज पैलेस आदि कई होटल है। यहां लगभग 800-1000 रुपये में आसानी से रूम मिल जाते हैं।
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