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सरकार ने 5G को लेकर कसी कमर, जानिए लॉन्चिंग से रोलआउट तक पूरा प्लान

नई दिल्ली। केंद्र सरकार 5G कनेक्टिविटी को लेकर देरी नहीं चाहती है। इसके लिए सरकार ने फास्ट ट्रैक मोड में 5G कनेक्टिविटी को रोलआउट करने का प्लान बनाया है। सरकार 5G को देश में समय से  रोलआउट करना चाहती है। इसी के मद्देनजर एक टाइम फ्रेम बनया है। सरकार ने जुलाई के पहले दो हफ्तों का समय दिया है, जिसमें अपकमिंग 5G नीलामी प्रक्रिया को पूरा किया जाना है। इस लेकर स्टेकहोल्डर और सरकारी अधिकारियों के बीच चर्चा जारी है।

कब तक मिलेगी 5G कनेक्टिविटी 

ऐसी संभावना है कि टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से बेस प्राइस को लेकर प्रस्ताव मार्च तक दे दिया जाएगा, जिसके बाद कैबिनेट से इसकी मंजूरी लेनी होगी। इसके बाद भारत में 5G कनेक्टिविटी को रोलआउट किया जा सकेगा। साथ ही बड़े पैमाने पर कॉमर्शियल 5G रोलआउट साल 2023 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में ही पूरा हो सकेगा।

जल्द बेस प्राइस तय करने की मांग 

दूरसंचार विभाग (DoT) की तरफ से पहले तक साल 2022 की पहली तिमाही तक नीलामी को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नीलामी को अप्रैल-मई तक पूरा कर लिया जाएगा। DoT की तरफ से 5G मिलीमीटर बैंड्स के लिए बेस प्राइस तय करने की मांग की थी। जिससे 3500 बैंड्स को फिक्स किया जा सके। टेलिकॉम कंपनियों की तरफ से ट्राई की ओर से प्रस्तावित हाई बेस प्राइस को लेकर चिंता जाहिर की थी।

5G के मामले में काफी पीछे है भारत 

टेलिकॉम कंपनियों की मानें, तो भारत में 5G रोलआउट साल 2023 में ही संभव है। भारत बाकी देशों के मुकाबले 5G रोलआउट करने के मामले में काफी पीछे है। मौजूदा वक्त में करीब 67 देशों में 5G सर्विस उपलब्ध है। रिलायंस जियो अकेली ऐसी कंपनी हैं, जो स्टैंडअलोन 5G नेटवर्क उलब्ध कराने में सक्षम है। जिसमें कम लेटेंसी और हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी।

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