ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, समन पर लगी रोक

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को बड़ी राहत प्रदान की है। सुनीता केजरीवाल पर दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचि में अपना दर्ज कराकर कानून उल्लंघन करने के आरोप लगे हुए हैं। इस मामले में अब दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की पत्नी को निचली अदालत से मिले समन पर सोमवार को रोक लगा दी है।

शिकायतकर्ता को नोटिस जारी
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती देने वाली सुनीता केजरीवाल की याचिका पर राज्य के साथ साथ शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया जिसमें उन्हें आरोपों के संबंध में 18 नवंबर को अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया था। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए इसे एक फरवरी को सूचीबद्ध किया और आदेश दिया, ‘‘इस फैसले से कई सवाल खड़े हो गए हैं इसलिए इसे लागू करने पर रोक रहेगी।”

सुनीता के वकील ने कोर्ट में पेश की ये दलील
उन्होंने दावा किया कि झूठी घोषणाएं करने से संबंधित अधिनियम की धारा 31 के तहत अपराध के लिए सुनीता केजरीवाल को दंडित किया जाना चाहिए। सुनीता केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी कि निचली अदालत का आदेश बिना सोचे समझे पारित किया गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दो मतदाता पहचान पत्र रखना कोई अपराध नहीं है और इस बात के कोई सबूत नहीं है कि याचिकाकर्ता ने कोई गलत बयान दिए थे। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने 29 अगस्त को याचिकाकर्ता को 18 नवंबर को तलब किया था।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.