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तेजस्वी की बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर फिर ग्रहण, 6 फरवरी के बाद भी यात्रा शुरू होने को लेकर आशंका बरकरार

पटना: खरमास बाद बेरोजगारी हटाओ यात्रा हर जिले में करने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के लिए कोविड प्रतिबंधों की वजह से फिलहाल अपनी यात्रा शुरू करना संभव नहीं है। इस बात की भी संभावना है कि 6 फरवरी के बाद बड़े आयोजन पर सरकार के प्रतिबंध लागू रह सकते हैं, जो आगामी बजट सत्र तक लागू रहेंगे। ऐसे में यह यात्रा खटाई में पड़ती नजर आ रही है। दूसरी तरफ सूत्रों के मुताबिक सरकार की मंशा है कि बजट सत्र से पहले शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देकर रोजगार के मुद्दे पर अपनी स्थिति मजबूत कर ले।राष्ट्रीय जनता दल और खुद तेजस्वी यादव के लिए बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर वे पिछले विधानसभा चुनाव में भी उतरे थे। माना जाता है कि आरजेडी के सबसे बड़ी पार्टी बनने के पीछे यह मुद्दा बेहद कारगर रहा। बेरोजगारी को लेकर वर्तमान एनडीए सरकार पर जहां 19 लाख रोजगार देने का दबाव है, वहीं हर महीने रोजगार के आंकड़े बयां करने वाले राष्ट्रीय सर्वे भी बिहार में युवाओं की बदतर स्थिति बयां करते हैं। यही वजह है कि विपक्ष रोजगार के मुद्दे पर सरकार पर हमेशा हावी रहा है।एक तरफ जहां कोविड प्रतिबंधों की वजह से बेरोजगारी हटाओ यात्रा का कार्यक्रम टल रहा है। वहीं दूसरी तरफ आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि बेरोजगारी हटाओ यात्रा की तैयारी पूरी हो चुकी है लेकिन कोविड प्रतिबंध की वजह से यात्रा शुरू नहीं हो सकी। जैसे ही यह प्रतिबंध खत्म होंगे, तेजस्वी यादव बेरोजगारी हटाओ यात्रा भी करेंगे और पटना में बेरोजगारी रैली भी होगी।बेरोजगारी बिहार में एक बड़ा मुद्दा है। इस मुद्दे के दम पर ही तेजस्वी ने अपनी पार्टी को बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनाया है। इस मुद्दे को वे आसानी से छोड़ने वाले नहीं हैं। यही वजह है कि तेजस्वी बेरोजगारी हटाओ यात्रा निकालना चाहते हैं लेकिन जब-जब वे बेरोजगारी हटाओ यात्रा का कार्यक्रम बनाते हैं, तब-तब ग्रहण के रूप में कोरोना सामने आ जाता है।कोरोना की वजह से तेजस्वी की यात्रा का कार्यक्रम टल रहा है और इधर सरकार को एक्स्ट्रा समय मिल रहा है। उन्होंने कहा कि फरवरी महीने में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति होने वाली है, जिससे सरकार अपनी उपस्थिति के तौर पर भुनाएगी। ऐसे में अब देखना होगा कि बजट सत्र के बाद तेजस्वी जब बेरोजगारी हटाओ यात्रा निकालेंगे तो वह सरकार पर रोजगार देने का कितना दबाव बना पाएंगे।माना जा रहा है कि सरकार बेरोजगारी हटाओ यात्रा और बजट सत्र को लेकर सावधानी बरत रही है। सरकार नहीं चाहती कि बजट सत्र में शिक्षक नियोजन और बेरोजगारी को लेकर ज्यादा हंगामा हो और यही वजह है कि फिलहाल फरवरी महीने में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देकर इस मुद्दे पर अपना होमवर्क पूरा कर लेना चाहती है।

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