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पाक मंत्रालय ने अल-कायदा, टीटीपी की धमकियों पर पीटीआई से रावलपिंडी मार्च रोकने को कहा

इस्लामाबाद| पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के महासचिव असद उमर को बुधवार को पार्टी और उसके प्रमुख इमरान खान के खिलाफ सुरक्षा खतरों के बारे में आगाह किया और उनसे ‘हकीकी आजादी मार्च’ स्थगित करने का आग्रह किया। यह जानकारी मीडिया की खबरों में दी गई। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, मंत्रालय ने एक पत्र में अनुरोध किया कि “देश की सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखा जाना चाहिए। पीटीआई नेतृत्व किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए 26 नवंबर को रावलपिंडी में होने वाली सार्वजनिक सभाओं को स्थगित करने की संभावना पर विचार कर सकता है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा है कि वह विश्वस्त खुफिया स्रोतों से मिली जानकारी साझा कर रहा है कि पीटीआई प्रमुख इमरान खान की जिंदगी को खतरा है, क्योंकि ‘समाज विरोधी तत्व’ देश को अस्थिर करना चाहते हैं।

पत्र में वजीराबाद में हुए हमले का हवाला दिया गया है, जहां खान घायल हो गए थे और खतरे के अलर्ट को गंभीरता से लेने को कहा गया है, खास तौर से लंबे मार्च को रावलपिंडी में फिर से शुरू करने की योजना के संदर्भ में।

पत्र के मुताबिक, खतरों के मद्देनजर सरकार ने खान के इस्लामाबाद में रहने के लिए एक बुलेटप्रूफ वाहन, पुलिस और सशस्त्र नागरिक बलों को तैनात किया है। पीटीआई प्रमुख फिलहाल लाहौर में हैं, जबकि मार्च में शामिल होने वाले लोग रावात पहुंच गए हैं।

मंत्रालय को उम्मीद है कि पंजाब की प्रांतीय सरकार खान के साथ-साथ मार्च में भाग लेने वालों की सुरक्षा के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सभी जरूरी उपाय करेगी।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, मंत्रालय ने चेतावनी दी, “अल-कायदा/दाएश, टीटीपी और टीएलपी के कट्टरपंथी युवा जैसे राज्य-विरोधी तत्व आत्मघाती हमलों, आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) आदि के माध्यम से देश को अस्थिर करने के लिए सार्वजनिक सभाओं जैसे आसान लक्ष्यों का लाभ उठा सकते हैं।”

असद उमर को भेजे गए मंत्रालय के नोटिस में कहा गया है कि सुरक्षा खतरे की गंभीरता को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।

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