ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

एक तरफ जल रही थी ‎पिता की ‎चिता, दूसरी तरफ बेटी दे रही थी मै‎ट्रिक का पेपर

गिरिडीह । झारखंड के गिरिडीह के बगोदर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक तरफ पिता की चिता जल रही थी, तो दूसरी तरफ बेटी पेपर दे रही थी। मामला बगोदर प्रखंड के कुसुमरजा पंचायत अंतर्गत हरैयाटांड का है। दरअसल, हरैयाटांड गांव के रहने वाले द्वारिका यादव कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। इस बीच उनकी मौत हो गई। बुधवार को जहां एक ओर पिता की अर्थी निकल रही थी। वहीं दूसरी ओर बेटी मैट्रिक एग्जाम के लिए घर से निकल रही थी। नदी में जहां पिता की चिता जल रही थी। वहीं दूसरी ओर बेटी निशा कुमारी बगोदर में मैट्रिक की परीक्षा लिख रही थी। निशा गोपालडीह हाई स्कूल की छात्रा है और बगोदर आर के कॉलेज ऑफ एजुकेशन में उसका सेंटर पड़ा था। पिता के मौत के गम के बीच उसने बुधवार को परीक्षा दी। परीक्षा खत्म होने के बाद जब छात्रा से पूछा गया तो उसने बताया कि परीक्षा ठीक गई है। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि दो बहन और एक भाई है जिसमें वह सबसे बड़ी है। गोपालडीह हाई स्कूल के शिक्षक राकेश कुमार ने कहा कि शिक्षा के प्रति जागरूकता का परिणाम है। उन्‍होंने कहा है कि पिता की मौत के बाद निशा के सामने चुनौतियां थी, जिसे उसने स्वीकार कर दिखाई है। पिता तो वापस नहीं लौटते मगर छात्रा का एक साल का मेहनत और समय व्यर्थ में चला जाता। ऐसे में बच्ची ने एग्जाम लिखकर समाज में प्रेरणा देने का काम किया है और उम्मीद है कि समाज की अन्य लड़कियां भी इससे प्रेरित होकर शिक्षा के क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगीं।

 

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.