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हर हर मोदी का नारा दिया था, तब यूपी-बिहार के आधे लोग मोदी को जान पाए थे, आज बिहार के खोए आत्मसम्मान को वापस लाने के लिए ‘जय जय बिहार’ का नारा लगवा रहे हैं : प्रशांत किशोर

सारण। जन सुराज पदयात्रा के 185वें दिन की शुरुआत सारण के छपरा सदर प्रखंड अंतर्गत जलालपुर पंचायत स्थित पदयात्रा कैंप में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ जलालपुर पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा मीरपुर जुअरा, कोठया, मौजमपुर, नराव, पचपटिया, झौवा होते हुए दिघवारा प्रखंड अंतर्गत रामपुर आमी पंचायत के बोध छपरा क्रिकेट मैदान में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। आज प्रशांत किशोर सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 4 आमसभाओं को संबोधित किया और 8 पंचायत के 14 गांवों से गुजरते हुए 15 किमी की पदयात्रा तय की। वहीं जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण जिले में एक आमसभा को संबोधित करने के दौरान “जय बिहार..जय जय बिहार” का नारा लगवाने के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि हम कोई भी नारा बिना किसी मतलब के नहीं लगवाते हैं। 2013-14 में आधे से ज्यादा बिहार और देश के लोग मोदी जी का नाम नहीं जानते थे। उसके बाद 2014 में मैंने एक नारा दिया “हर हर मोदी..घर घर मोदी”। ये बिहार का नारा इसलिए लगवा रहे हैं, क्योंकि बिहार के लोगों का आत्मसमान मर गया है। जब हमारे बच्चे बाहर जाते हैं पढ़ने के लिए और मजदूरी करने के लिए तो उनको वहाँ कोई भी गाली दे देता है। जिसका मन होता है वो उनको थप्पड़ मार देता है। हम ये नारा इसलिए लगवा रहे हैं ताकि बिहार के लोग को अपनी मिट्टी का गौरव और सम्मान वापस दिलवा सकें। बिहार के लोग बेवकूफ नहीं हैं, यहाँ के नेताओं ने हमको बेवकूफ बना दिया है। वहीं जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आपका बच्चा स्कूल में पढ़ने जाता है, तो वो पढ़ नहीं रहा बल्कि पिल्लु वाला खिचड़ी खा रहा है। जिन लोगों के पास संसाधन है, उनके बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूल में भी पढ़ाई नहीं हो रही है। बच्चा कॉलेज जाता है तो 3 साल की डिग्री 5 साल में लेकर वापस आ जाता है। जब आपका बच्चा पढ़ेगा ही नहीं तो वो मजदूर नहीं बनेगा तो क्या डॉक्टर, कलेक्टर बनेगा? बिना पढ़ाई के उसको मजदूर बनना ही पड़ेगा। पूरे बिहार में सरकार पढ़ाई के लिए 40 हजार रुपये खर्च कर रही है ताकि गरीब से गरीब बच्चा पढ़ सके। लेकिन उस योजना में इतनी चोरी और लूट है की 40 हजार करोड़ रुपये में 40 लड़का भी ठीक से पढ़कर नहीं निकल रहा है।

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