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नरकालो जंगल में मिला हाथी का शव, करेंट से मौत

रायगढ़। धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में ग्राम नरकालो में करेंट की चपेट में आने से एक हाथी की मौत हो गई। इससे वन अमले में हड़कंप मच गई और विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है।

धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में तीन जंगली हाथी नरकालों गांव के जंगल में की दस्तक देकर उधम मचा रहे थे। इस बीच दरम्यानी रात उसमें से एक जंगली हाथी 11 हजार केवी विद्युत प्रवाहित तार के संपर्क में आ गया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बुधवार की सुबह खेत में जंगली हाथी का शव मिलने से पूरे क्षेत्र में हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई। हाथी के मृत अवस्था मे मिलने से यह खबर जंगल मे आग की तरह फैल गई । देखते ही देखते मौके पर लोगों की भारी भीड़ जुट गई। इधर जंगली हाथी की मौत की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम भी तत्काल मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद पूरे मामले को जांच में ले लिया है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रथम दृष्टया करंट से हाथी की मौत होनें की आशंका जताई जा रही है।आपको बता दें कि धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में हाथी और मानव के बीच लंबे समय से द्वंद्व जारी है। जिसके परिणाम आए दिन निकलकर सामने आते रहे हैं, कभी हाथी के हमले से इंसान की मौत तो कभी करंट की चपेट में आने जंगली हाथी की मौत एवं लोगो की सम्पदाए भी जनहानि के रूप में नजर आ रहा हैं।

फसल, जनहानी में इजाफा सहमकर रह रहे हैं ग्रामीण

धरमजयगढ़ में पिछले कुछ दिनों से जंगली हाथी पूरे क्षेत्र में घूम-घूमकर धान के अलावा अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं जिससे ग्रामीण त्रस्त हो चुके है। रतजगा करने के बावजूद ग्रामीण अपनी फसलों की सुरक्षा कर पाने में असमर्थ हो चुके हैं। वन विभाग की टीम हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी कराकर गांव वालों को हाथी से सावधान रहने की अपील करता है लेकिन जंगली हाथियों के उत्पात को रोकने किसी प्रकार कोई मदद नही की जाती।

धरमजयगढ़ के 91 जंगली हाथी घूम रहे है अलग अलग

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन दिनों धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के ही 91 जंगली हाथियों का दल अलग-अलग समूहों में विचरण कर रहा हैं जिनमे नर हाथियों की संख्या 26, 41 मादा के अलावा 24 शावक शामिल है। धरमजयगढ़ के आमगांव में जहां 25 जंगली हाथी, इंचपारा में 22 जंगली हाथी के अलावा अलग-अलग रेंज में जंगली हाथियों की मौजदूगी है। हाथी प्रभावित गांवों में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक अधिक बढ़ गया है जिससे गांव के ग्रामीण भी दहशत में आ गए हैं।

पखवाड़े भर में ऐसे गई हाथियों की जान

मेंढरमार कालोनी में कुछ दिनों से हाथियों की आवागमन कुछ ज्यादा ही बढ़ गया । इस बीच लगातार आदिवासी किसानों के खेतों में लगे धान की फसल को पैरों तले रौंदकर नुकसान किया जा रहा था। ग्रामीण जन जनहानि एवं फसलों के क्षति से परेशान नजर आ रहे थे। इस बीच 30 सितंबर रविवार सुबह मेंढरमार के किसान अपने अपने दिनचर्या में लगे हुए थे। खेत खलिहान की सुरक्षा व उसका जायजा लेने जुट गए थे तभी उन्हें देव सिंह राठिया के खेत मे संदिग्ध परिस्थितियों एक नर हाथी मृत अवस्था मे नजर आया। जिसे देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। वे बदहवास हालत में गांव आए और अन्य किसानों को इसकी सूचना दिए। यह हाथी करेंट से मृत हुआ था।

पांच अक्टूबर को गोमार्डा अभ्यारण्य क्षेत्र में लगभग 24 हाथी का दल विचरण कर रहे थे। यह हाथी का दल सीता तालाब के पास कक्ष क्रमांक 912 पीएफ में भी देखा गया।वही दल का एक हाथी के बच्चे जिसकी उम्र लगभग तीन से पांच माह वह कीचड़ में फंस कर मृत अवस्था मे पाया गया। सम्भवतः हाथी का बच्चा कीचड़ से निकलने की पूरी कोशिश करता रहा होगा लेकिन निकलने में असमर्थ होने पर उसकी मौत हो गई। जंगली हाथियों के ट्रेकिंग में लगे स्थानीय ग्रामीणों ने उक्त घटना को देखकर करने वाले इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को दी थी।

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