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लालू यादव ने पूछा जातीय जनगणना में क्यों हो रही देरी, बोले-हर हाल में बीजेपी को लेना होगा फैसला

पटना। बिहार की सियासत में जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर एक बार फिर से सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने एक बार फिर इस मामले को उठाया है। दिल्ली में अपनी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे राजद सुप्रीमो ने कहा है कि जाति आधारित जनगणना देश के लिए बहुत जरूर है इसको लेकर देरी क्यों हो रही है।

‘जातीगत जनगणना को लेकर करना होगा संघर्ष’

लालू यादव ने कहा कि जातीय जनगणना नहीं होने के वजह से सब तबके का विकास नहीं हो पा रहा है। भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर भ्रमित कर रही है कि जातीगत जनगणना से इंकार कर रही है। लेकिन बीजेपी इससे भाग नहीं सकती। जाति आधारित जनगणना नहीं होने की वजह केन्द्र और राज्य की सरकार दिशाहीन होकर बजट तैयार कर काम कर रही है। ये जनगणना किसी जाति के खिलाफ नहीं है। हमारी पार्टी का मत है जातीय जनगणना में विलंब नहीं करना चाहिए। लालू यादव ने आगे कहा कि जैसे मंडल कमीशन की लड़ाई हमलोगों ने लड़ी वैसी ही हमें जातीय जनगणना को लागू करने के लिए संघर्ष करना होगा। इस देश में सभी जातियों की संख्या बढ़ी है। लालू यादव ने कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों की माली हालात को देखते हुए बजट तैयार करना पड़ेगा जिससे उस वर्ग को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर सभी पॉलिटिकल पार्टियों को एक मंच पर एकट्ठा होकर लड़ाई लड़ने की जरूरत है।

गौरतलब है कि बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। जिसके बाद उन्होंने कहा था कि सरकार राज्य में जातीय जनगणना कराने को तैयार है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जातीय जनगणना को लेकर अपनी सहमति जताई थी। उन्होंने कहा था कि इसको लेकर जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसकी रूप रेखा तैयार कर ली जाएगी।

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