ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

बिहार में अब आशा कार्यकर्ता घर पर ही करेंगी नवजात की देखभालः स्वास्थ्य मंत्री

पटनाः बिहार में अब प्रशिक्षित आशा कार्यकर्ता घर पर ही नवजात की देखभाल करेंगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को कहा कि नवजात की देखभाल उनके घर पर ही हो इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर दक्ष बनाया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा कार्यकर्ताओं को अलग-अलग बैच में प्रशिक्षित किया गया है, ताकि नवजात की देखभाल में कोई कमी न रह पाए। उन्होंने कहा कि राज्यभर में अभी 85 हजार आशा कार्यरत हैं। मॉड्यूल 6 एवं 7 के लिए प्रशिक्षण पूर्ण कर लिए गए हैं, जिसमें 57 प्रतिशत आशाओं को हाल के दिनों में प्रशिक्षित किया गया है।

पांडेय ने कहा कि अब तक 6 एवं 7 मॉड्यूल में 2842 में से 1612 आशाओं को प्रशिक्षित कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में 57 प्रतिशत आशाओं के प्रशिक्षण के लक्ष्य के विरुद्ध विभाग ने 80 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की। इसे गति देने के लिए राज्यभर में एचबीएनसी किट का भी वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि 2021 में विभाग ने सौ प्रतिशत लक्ष्य की प्रप्ति की है। इस साल 90 हजार किट वितरण करना था, जिसे सितंबर तक पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आशा नवजात के घर 42 दिनों के अंदर 6 से 7 बार दौरा करती है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सितंबर तक 8 लाख 33 हजार 57 नवजात के विरुद्ध 5 लाख 39 हजार 695 बच्चों के घरों का दौरा आशाओं ने पूर्ण किया है। यह दौरा प्रथम चरण में राज्य के 13 आकांक्षी जिलों में किया गया है। विभाग की कोशिश है कि राज्य में जो भी बच्चे जन्म लेते हैं। उनके जन्म के बाद समुचित देखभाल हो। सरकारी स्तर पर जो मदद उन्हें प्रदान की जाती है। उसका समुचित लाभ उन्हें मिले और किसी प्रकार की कोई कठिनाई न आए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.