ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

नए साल पर महंगाई का एक और डोज: कपड़े, जूते, कैब बुकिंग हो जाएगा महंगा, ये चीजें होंगी सस्ती

नई दिल्ली। नए साल से आपको कहां ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा, कहां आपकी पैसों की बचत होगी यह जानना जरूरी है। नए साल के साथ कई उपभोक्ता वस्तुओं पर नई वस्तु एवं सेवा कर (GST) टैक्स दरें और 1 जनवरी, 2022 से जीएसटी रिजीम में कुछ बदलाव आएंगे। टैक्स में बदलाव ई-कॉमर्स वेबसाइटों और खाद्य वितरण एग्रीगेटर्स को प्रभावित करेंगे। हालांकि, नई टैक्स दरें अन्य उपभोक्ता वस्तुओं पर भी लगाई जाएंगी, जिसका असर सभी खरीदारों पर पड़ेगा। यहां उन सभी चीजों की लिस्ट दी गई है जो नए साल 2022 के पहले दिन से खरीदना महंगा हो जाएगा

क्या होगा महंगा, कपड़े, जूते

सरकार ने कपडे, जूते और वस्त्र जैसे तैयार माल पर जीएसटी दरों को 5 से बढ़ाकर 12% कर दिया है। 1 जनवरी, 2022 से ये आइटम और महंगे हो जाएंगे। 1,000 रुपये तक के कपड़े की वस्तुओं पर जीएसटी पहले के 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया है। इसके अलावा, बुने हुए कपड़े, सिंथेटिक यार्न, कंबल, तंबू के साथ-साथ मेज़पोश या सर्विसेट जैसे सामान सहित वस्त्रों पर जीएसटी दर में भी बढ़ोतरी की गई है। फुटवियर पर भी डायरेक्ट टैक्स 5 फीसद से बढ़ाकर 12 फीसद कर दिया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 18 नवंबर, 2021 को परिवर्तनों को अधिसूचित किया। कपड़े और जूते की कीमतों में बढ़ोतरी के कदम का विभिन्न व्यापारी संघों ने विरोध किया था।

कैब और ऑटो की सवारी

ओला और उबर के जरिए ऑटो या कैब की बुकिंग भी 1 जनवरी से महंगी हो जाएगी। हालांकि, बिना ऐप के सड़क पर आने वाले वाहनों को छूट मिलती रहेगी।

ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टैक्स का बोझ

जो बदलाव लागू होंगे उनमें स्विगी और ज़ोमैटो जैसे ई-कॉमर्स ऑपरेटर शामिल हैं, जिन्हें 1 जनवरी से उनके माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली रेस्तरां सेवाओं पर सरकार के साथ जीएसटी जमा करने और जमा करने के लिए उत्तरदायी बनाया जा रहा है। उन्हें चालान जारी करना होगा। अंतिम उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त कर का बोझ नहीं होगा क्योंकि मौजूदा समय में रेस्तरां जीएसटी जमा कर रहे हैं। केवल, जमा और चालान जुटाने के अनुपालन को अब खाद्य वितरण प्लेटफार्मों पर ट्रांसफर कर दिया गया है।

1 जनवरी से क्या होगा सस्ता

कैंसर की दवाओं, फोर्टिफाइड चावल और बायोडीजल पर जीएसटी की दर पहले के 18% से घटाकर 5% कर दी गई है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.