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इंदौर में कोरोना आंकड़ा 600 के पार, जनता पर पाबंदियां…नहीं बंद हो रहे भाजपा के धरने-प्रदर्शन

इंदौर: कोविड से जूझते जूझते दो साल से ज़्यादा का वक्त निकला गया लेकिन वायरस है कि पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा। अब तो रूप बदलकर परेशान कर रहा है और तादाद इतनी कि शासन प्रशासन के हाथ पैर फूल गए हैं…लेकिन फिर भी जनता शहर में प्रशासनिक बातों और नियमों को अपने बटवे में रखकर बेफिक्र चल रही है। नतीजा पॉजिटिव मरीज 6 सौ के पार यानी 618 हो गए। वायरस ने अपना गुस्सा दिखाते हुए शहर इंदौर के कई लोगों को अपनी गिरफ्त में लेते हुए अस्पतालों के ज़िम्मेदारों की बेचैनी बढ़ा दी हालांकि शासन प्रशासन ने इस बीमारी के मरीजों के लिए ताबड़तोड़ सरकारी और निजी अस्पतालों में उपचार के लिए दवाईयां और बाकि ज़रूरी चीजें मुहैया कराई और प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में इंदौर के एम् वाय में भी इसके इलाज की सुविधा करते हुए आने वाले मरीजों का बेहतर इलाज देने की बात कही है। साथ ही बीमारी के अचानक आने से शुरुआत में हुई परेशानी बचने की कवायद मीडिया को ज़रिया बनाते हुए शुरू की है।

वही बढ़ते मरीजों की तादात को देखते हुए सरकार ने और प्रशासन ने कई प्रकार की पाबंदियां भी लगा रखी है पर इंदौर में भाजपा के काम सब से अलग ही है एक और जहां मशाल रैली निकाली और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई। कल की बात करें तो मौन धरने पर भी भाजपा के विधायक, मंत्री और शहर अध्यक्ष बगैर किसी परवाह के बैठे रहे। वही कोरोना महामारी से लड़ते हुए इस बीमारी का विधिवत इलाज अब इंदौर के अस्पतालों और कोविड सेन्टर्स पर भी शुरू किया गया है। लेकिन प्रशासन की तैयारियों और भयावह बीमारी को लेकर शहर की जनता आंकड़े दो की संख्या में थे तब भी बेखबर थी अब जब आंकड़े सैकड़ो को पार गए तब भी किसी को कोई परवाह नहीं…देखा ये भी जा रहा है कि शहर में बड़े आयोजन बन्द किए गए लेकिन कई संस्थान जैसे डीएवीवी यहां रोजाना प्रदर्शनों का दौर जारी है। छात्र नेता रोज आते हैं, धूम मचाते है संक्रमण फैलता है मरीज बढ़ते है। जिसपर रोक होनी चाहिए। देखते है प्रशासन कब जागता है और कब रोक लगती है।

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