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महाकाल का अभिषेक, शिप्रा की आरती भी करेंगे राहुल, लेकिन नहीं दिखेगा सियासी रंग

भोपाल। राहुल गांधी की मध्य प्रदेश पहुंची भारत जोड़ो यात्रा को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस भी लगातार रणनीति में बदलाव कर रही है। यात्रा में धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर पार्टी ने नई रणनीति अपनाई है। यह कि यात्रा को धार्मिक लिहाज से सियासी विवादों से दूर रखा जाएगा। राहुल गांधी नर्मदा पूजन, शिप्रा की आरती से लेकर महाकाल मंदिर में दर्शन और महाभिषेक तक करेंगे, लेकिन इस संदर्भ में कोई प्रचार-प्रसार, होर्डिंग्स-पोस्टर आदि से कांग्रेस दूर रहेगी। राहुल को शिवभक्त या रामभक्त ठहराने जैसे अलंकारों से पार्टी लगातार बच भी रही है। दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार को घेरना है। राहुल गांधी देश में बढ़ती नफरत, महंगाई, वैमनस्यता, निजीकरण सहित उन मुद्दों को उठा रहे हैं, जिससे केंद्र सरकार को विफल साबित कर सकें। इधर, भाजपा की कोशिश है कि राहुल गांधी की यात्रा को फ्लाप साबित करने के लिए स्थानीय मुद्दों और छोटी-मोटी गलतियों को उठाया जाए। ऐसे में यात्रा का राष्ट्रीय स्तर का संदर्भ धूमिल पड़ सकता है। इन कोशिशों को भांप चुकी कांग्रेस ने रणनीति में बदलाव किया है। कांग्रेस समझती है कि राहुल गांधी को धार्मिक रूप से मजबूत बताने का अतिरिक्त लाभ नहीं मिलने वाला है, बल्कि इससे भाजपा के पास हमले करने के मौके बढ़ जाते हैं।राहुल 29 नवंबर को उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन कर विधि- विधान से अभिषेक करेंगे। इसी दिन में मोक्षदायिनी शिप्रा की आरती भी करेंगे, लेकिन कांग्रेस इन सभी धार्मिक आयोजनों को राजनीतिक रंग देने से बच रही है। वर्ष 2018 की तरह राहुल गांधी की धार्मिक यात्राओं को कांग्रेस ने जिस तरह साफ्ट हिंदुत्व की तरह पेश कर जगह- जगह सबसे बड़े शिवभक्त राहुल, जनेऊधारी राहुल और पूजा- पाठ करते हुए उनके फोटो के साथ होर्डिंग्स लगाए थे, इस बार वैसा कुछ नहीं है। खास बात है कि श्री महाकाल महालोक का श्रेय लेने की बात राहुल से कहलवाने के प्रयास भी विफल हो गए हैं। महाकाल परिसर के पुनरुत्थान के लिए कमल नाथ सरकार के दौरान धनराशि स्वीकृत की गई थी, यात्रा में कांग्रेस इसे प्रचारित करना चाहती थी। अब पार्टी का पूरा फोकस राहुल की पदयात्रा और सभा पर है, जिससे वह उन मुद्दों को प्रमुखता से उठा सकें, जिन्हें राहुल केंद्र सरकार को घेरने के लिए जनता के सामने रखना चाहते हैं।इनका कहना हैधर्म की आड़ में राजनीति करने का काम सिर्फ भाजपा ने किया है। भारत जोड़ो यात्रा राजनीतिक न होकर नफरत पैदा करने वालों के खिलाफ की जा रही है। पार्टी स्पष्ट कर चुकी है कि यह यात्रा सियासी नहीं है। हम धर्म या हिंदुत्व के पाखंड के सहारे सरकार नहीं बनाते हैं।– केके मिश्रा, मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष।

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